ब्लॉक डील के नियमों में बदलाव की तैयारी, SEBI विचार कर रहा है बड़ी प्राइस रेंज पर
ब्लॉक डील के नियमों में बदलाव की तैयारी, SEBI विचार कर रहा है बड़ी प्राइस रेंज पर
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के एक वर्किंग ग्रुप ने ब्लॉक डील से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव का सुझाव दिया है। वर्तमान में लागू 1% की प्राइस रेंज को कई मार्केट पार्टिसिपेंट्स अव्यावहारिक मान रहे हैं। इसी को देखते हुए वर्किंग ग्रुप ने एक बड़ी प्राइस रेंज और मौजूदा दो ट्रेडिंग विंडो को बनाए रखने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, इस पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
प्राइस रेंज को लेकर चल रही है बहस
वर्तमान में, ब्लॉक डील के लिए रेफरेंस प्राइस के ऊपर या नीचे सिर्फ 1% की प्राइस रेंज की अनुमति है। इसे बदलने के लिए दो मुख्य सुझाव सामने आए हैं:
SEBI वर्किंग ग्रुप का सुझाव:
मॉर्निंग ट्रेड विंडो (सुबह 8:45-9:00 बजे) के लिए +/- 5% की प्राइस रेंज।
दोपहर बाद के ट्रेड विंडो (2:05-2:20 बजे) के लिए +/- 3% की प्राइस रेंज।
BSE का सुझाव:
मॉर्निंग और आफ्टरनून दोनों विंडों के लिए +/- 2% की कॉमन प्राइस रेंज।
BSE का मानना है कि 2% से अधिक की रेंज से रेगुलर ट्रेडिंग सेशन के दौरान लिक्विडिटी पर असर पड़ सकता है।
क्यों जरूरी हैं ये बदलाव?
मार्केट पार्टिसिपेंट्स का कहना है कि मौजूदा 1% की छोटी प्राइस रेंज बड़े इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (जैसे म्यूचुअल फंड्स) के लिए पर्याप्त स्टॉक खरीदना मुश्किल बनाती है। इससे जानकारी लीक होने और मार्केट मैनिपुलेशन का खतरा भी बढ़ जाता है। एक सूत्र ने बताया कि कम प्राइस रेंज से सिर्फ High-Frequency Traders को फायदा होता है, जबकि लॉन्ग-टर्म निवेशकों को नुकसान होता है।
दूसरी तरफ, कम प्राइस रेंज को रिटेल निवेशकों के हित में माना जाता है। लेकिन कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा नियमों को 2017 में बनाया गया था, और तब से बाजार के आकार और स्वरूप में काफी बदलाव आ चुका है, जिससे नियमों को अपडेट करने की जरूरत है।
ट्रेडिंग विंडो पर क्या है राय?
वर्किंग ग्रुप के ज्यादातर सदस्य ब्लॉक डील के लिए अतिरिक्त विंडो की जरूरत नहीं मानते। उनका कहना है कि मौजूदा दो विंडो (सुबह 8:45 से 9:00 बजे और दोपहर में 2:05 से 2:20 बजे) का सिस्टम सही है, क्योंकि अधिकतर block deal first window में ही हो जाती हैं।
अन्य देशों में अलग-अलग व्यवस्थाएं हैं। शंघाई में 3, ताइवान में आधे घंटे का एक विंडो और दक्षिण कोरिया में एक घंटे का सिंगल विंडो है। भारत में भी कुछ मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने हर घंटे 10 मिनट का विंडो शुरू करने का सुझाव दिया है। हालांकि, SEBI ने अभी इन सुझावों पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।
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