TCS बोर्डरूम से बड़े संकेत: कमजोर नतीजों के बावजूद 'अगली कुछ तिमाहियों में सुधार' और FY26 में इंटरनेशनल ग्रोथ की उम्मीद!

TCS बोर्डरूम से बड़े संकेत: कमजोर नतीजों के बावजूद 'अगली कुछ तिमाहियों में सुधार' और FY26 में इंटरनेशनल ग्रोथ की उम्मीद!


टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयरों में आज, कमजोर तिमाही नतीजों के बाद 2 फीसदी से अधिक की गिरावट देखने को मिल रही है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कंपनी की कॉन्सटेंट करेंसी आय ग्रोथ अनुमान से अधिक कमजोर रही है, जिसमें 3.3 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि, तिमाही आधार पर कंपनी का मुनाफा ₹12,224 करोड़ से 4.4 फीसदी बढ़कर ₹12,760 करोड़ रुपये पर रहा है, जो बाजार की उम्मीदों से बेहतर है। सालाना आधार पर मुनाफा 6 फीसदी बढ़ा है। कंपनी ने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में उसका ऑपरेटिंग रेवेन्यू 1.3 फीसदी बढ़कर ₹63,437 करोड़ रुपये रहा है।


इन नतीजों पर कंपनी के CFO समीर सेकसरिया और CHRO मिलिंद लक्कड़ ने एक खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं।


ग्लोबल हेडविंड्स का असर और आगे की राह

समीर सेकसरिया (CFO) ने माना कि कंपनी के घरेलू कारोबार में अनुमान से कम ग्रोथ रही है, और इंटरनेशनल कारोबार पर भी ग्लोबल मैक्रो स्थिति का नकारात्मक असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि क्लाइंट्स अभी भी फैसले लेने में देरी कर रहे हैं और प्रोजेक्ट्स को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं।


हालांकि, सेकसरिया ने आशावादी रुख अपनाते हुए कहा है कि अगली कुछ तिमाहियों में स्थिति सुधरने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2026 में इंटरनेशनल कारोबार में अच्छी ग्रोथ संभव है।


सेगमेंट वार प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाएं

सेकसरिया के अनुसार, इस पूरे साल कंज्यूमर बिजनेस सेगमेंट पर दबाव संभव है, क्योंकि ग्लोबल स्तर पर कंज्यूमर सेंटिमेंट कमजोर है। इसमें ट्रैवल और एयरलाइन सेक्टर भी शामिल हैं। कम्युनिकेशंस और मीडिया सेगमेंट पर भी असर देखा गया है। टैरिफ की वजह से ऑटो इंडस्ट्री काफी सतर्क दिख रही है।


वहीं, मैन्युफैक्चरिंग, ERU (एनर्जी, रिसोर्सेज और यूटिलिटीज) और टेक सेगमेंट में अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई है। BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस) और हेल्थकेयर सेक्टर में आगे सुधार की उम्मीद है।


मार्जिन, ऑर्डर बुक और AI का भविष्य

मार्जिन के मोर्चे पर, समीर ने बताया कि BSNL डील के एग्जीक्यूशन से मार्जिन में सुधार देखने को मिला है, और करेंसी से भी मार्जिन को सपोर्ट मिला है। ऑपरेटिंग लीवरेज आगे बेहतर होने की उम्मीद है। कंपनी ने लंबी अवधि में मार्जिन का लक्ष्य 26 फीसदी से 28 फीसदी पर बरकरार रखा है।


ऑर्डर बुक की बात करें तो, इसमें बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है। पहली तिमाही में 9.4 अरब डॉलर के नए ऑर्डर मिले हैं। हालांकि, पहली तिमाही में सिर्फ एक 500 मिलियन डॉलर की मेगा डील हुई है, जबकि मिड साइज और स्मॉल डील ज्यादा रही हैं। समीर ने जोर दिया कि आईटी सेक्टर के लिए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ग्रोथ का प्रमुख ड्राइवर रहेगा, और Gen AI (जेनरेटिव AI) में आगे ग्रोथ की बेहतर संभावनाएं हैं।


कर्मचारियों पर प्रभाव और कौशल विकास पर जोर

CHRO मिलिंद लक्कड़ (CHRO) ने बातचीत में बताया कि कारोबार में उठापटक के कारण वेतन बढ़ोतरी का फैसला अभी टाला गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्थिति सुधरने पर वेतन बढ़ोतरी का फैसला लिया जाएगा। लक्कड़ ने यह भी स्पष्ट किया कि कैंपस हायरिंग में कोई कमी नहीं आएगी, और कंपनी कारोबार की जरूरतों को देखते हुए मार्केट से हायरिंग जारी रखेगी।


TCS स्किल डेवलपमेंट पर अपना फोकस जारी रखेगी, और AI स्किल डेवलपमेंट पर निवेश जारी रखा जाएगा, जो भविष्य की जरूरतों के लिए कार्यबल को तैयार करने की कंपनी की रणनीति का हिस्सा है।


कुल मिलाकर, TCS प्रबंधन ने मौजूदा चुनौतियों को स्वीकार किया है, लेकिन साथ ही भविष्य में सुधार और विकास के अवसरों पर भी अपना विश्वास व्यक्त किया है।

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