Smartworks Coworking IPO खुला: ₹387-407 प्राइस बैंड पर निवेश का मौका, क्या है इस 'मैनेज्ड कैंपस' दिग्गज का भविष्य?
Smartworks Coworking IPO खुला: ₹387-407 प्राइस बैंड पर निवेश का मौका, क्या है इस 'मैनेज्ड कैंपस' दिग्गज का भविष्य?
भारत के प्रमुख मैनेज्ड कैंपस ऑपरेटर, स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेसेज (Smartworks Coworking Spaces) का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) निवेश के लिए खुल गया है। निवेशक इसमें 14 जुलाई तक बोली लगा सकते हैं। कंपनी ने अपने शेयर के लिए ₹387-407 का प्राइस बैंड निर्धारित किया है। 15 शहरों में 50 सेंटर्स के माध्यम से, स्मार्टवर्क्स के पास 89.9 लाख वर्ग फीट का सुपर-बिल्ट-अप-एरिया है और यह मुख्य रूप से मध्यम और बड़ी कंपनियों को अपनी सेवाएं प्रदान करती है। गूगल, एलएंडटी टेक्नोलॉजी और मेकमायट्रिप जैसी दिग्गज कंपनियाँ इसके प्रमुख क्लाइंट्स में शामिल हैं।
10 साल का सफर: शानदार ग्रोथ की कहानी
स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेसेज ने 2015 में अपना व्यवसाय शुरू किया था और पिछले करीब 10 सालों में इसने उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2023 से वित्त वर्ष 2025 के बीच कंपनी के सुपर-बिल्ट-अप एरिया की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 20.80 फीसदी रही है। इसी अवधि में, इसके राजस्व की CAGR 39 फीसदी रही, जो भारत में तेजी से बढ़ते कमर्शियल ऑफिस स्पेस मार्केट का लाभ उठाने में कंपनी की सफलता को दर्शाता है।
विस्तार पर कंपनी का आक्रामक फोकस
कंपनी अपने व्यवसाय के विस्तार पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रही है। इसने मेट्रो शहरों के साथ-साथ टियर 2 बिजनेस हब में भी अपने सेंटर्स स्थापित किए हैं। स्मार्टवर्क्स आईपीओ से जुटाए गए पैसों में से ₹226 करोड़ का इस्तेमाल नए सेंटर्स के फिट-आउट के लिए करेगी। कंपनी की योजना 15 लाख वर्ग फीट अतिरिक्त एरिया जोड़ने की है, जिससे उसे सालाना ₹250 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।
कंपनी भविष्य में ग्रोथ के लिए काफी पूंजी खर्च करने वाली है। इसमें से ₹40-50 करोड़ का खर्च आईपीओ से प्राप्त पैसों से होगा, जबकि शेष ₹240 करोड़ आंतरिक स्रोतों से जुटाए जाएंगे। यह दीर्घकालिक विकास के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार की नजर
स्मार्टवर्क्स इंटरनेशनल मार्केट्स में भी अपने बिजनेस का विस्तार कर रही है। इसने सिंगापुर में दो सेंटर्स लीज पर लिए हैं और इनके जरिए वह 83 क्लाइंट्स को सेवाएं दे रही है। सिंगापुर की पहचान कंपनियों के मुख्यालय के एक प्रमुख हब के रूप में तेजी से बढ़ रही है, और स्मार्टवर्क्स को इस रुझान से लाभ मिलने की उम्मीद है।
कंपनी आईपीओ से प्राप्त कुछ पैसे का इस्तेमाल अपना कर्ज चुकाने के लिए भी करेगी। इससे कंपनी पर कर्ज का बोझ कम होगा, जिससे ब्याज पर होने वाले खर्च में कमी आएगी और वित्तीय स्थिति और मजबूत होगी। स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग का आईपीओ उन निवेशकों के लिए एक अवसर हो सकता है जो भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोवर्किंग स्पेस के बढ़ते बाजार में हिस्सेदारी चाहते हैं।
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