Pharma sector की दूसरी सबसे बड़ी डील: Torrent Pharma 15-18 महीने में पूरा करेगी JB Pharma का ₹19,500 CR का अधिग्रहण!
Pharma sector की दूसरी सबसे बड़ी डील: Torrent Pharma 15-18 महीने में पूरा करेगी JB Pharma का ₹19,500 CR का अधिग्रहण!
भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग में एक और मेगा डील आकार ले रही है! दिग्गज फार्मा कंपनी Torrent Pharma ने उम्मीद जताई है कि वह अगले 15 से 18 महीनों के भीतर जेबी Chemicals & Pharma (JB Pharma) के अधिग्रहण का काम पूरा कर लेगी। यह सौदा लगभग ₹19,500 करोड़ का होने वाला है, जो भारतीय फार्मा इंडस्ट्री की अब तक की दूसरी सबसे बड़ी डील साबित होगी।
यह अधिग्रहण एक ही चरण में नहीं होगा, बल्कि इसे तीन चरणों में अंजाम दिया जाएगा। सबसे पहले, टोरेंट फार्मा, जेबी फार्मा की प्रमोटर वैश्विक निवेश फर्म टाऊ इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड (Tau Investment Holdings Pte Ltd) से 46.39% हिस्सेदारी ₹11,917 करोड़ में खरीदेगी। इसके बाद, कुछ कर्मचारियों से प्रति शेयर ₹1600 के भाव पर ₹719 करोड़ में 2.80% हिस्सेदारी खरीदी जाएगी। इन दोनों चरणों के बाद, टोरेंट फार्मा पब्लिक शेयरहोल्डर्स से ₹1,639.18 प्रति शेयर के भाव पर ₹6,842.8 करोड़ में 26% हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक ओपन ऑफर लाएगी।
JB फार्मा शेयरहोल्डर्स को क्या मिलेगा?
टोरेंट फार्मा ने एक्सचेंज फाइलिंग में स्पष्ट किया है कि जेबी फार्मा की खरीदारी का समय कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI), सेबी (SEBI) और स्टॉक एक्सचेंजों से मिलने वाली मंजूरी पर निर्भर करेगा। हालांकि, फार्मा कंपनी ने 15-18 महीने का समय लगने की उम्मीद जताई है।
शेयर अधिग्रहण पूरा होने के बाद, जेबी केमिकल्स को टोरेंट फार्मा में मिला दिया जाएगा। इस विलय के बाद, जेबी फार्मा के शेयरहोल्डर्स को उनके हर 100 शेयरों के बदले में टोरेंट फार्मा के 51 शेयर मिलेंगे। यह शेयर स्वैप रेश्यो दोनों कंपनियों के निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
डील से टोरेंट फार्मा को क्या फायदा होगा?
जेबी फार्मा की खरीदारी से टोरेंट फार्मा को कई महत्वपूर्ण रणनीतिक फायदे मिलेंगे:
क्रोनिक थेरेपी में पकड़: टोरेंट की पहुंच जेबी फार्मा के क्रोनिक थेरेपी स्पेस (दीर्घकालिक बीमारियों के इलाज) में स्थापित ब्रांड्स तक हो जाएगी।
नए सेगमेंट में एंट्री: टोरेंट की ऑप्थैल्मोलॉजी (आंखों से जुड़े इलाज) जैसे नए और बढ़ते सेगमेंट में एंट्री होगी।
CDMO के अवसर: टोरेंट को कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग (CDMO) के मौकों का भी फायदा उठाने को मिलेगा, जिससे उसकी निर्माण और विकास क्षमताएं बढ़ेंगी।
बाजार में दबदबा: यह अधिग्रहण भारतीय फार्मा मार्केट में टोरेंट का दबदबा बढ़ाएगा।
वैश्विक विस्तार: साथ ही, यह विदेशी बाजारों में भी अपनी दखल बढ़ाने में मदद करेगा।
भारतीय फार्मा इंडस्ट्री की सबसे बड़ी डील्स:
जेबी फार्मा को टोरेंट फार्मा द्वारा ₹19,500 करोड़ में खरीदना, अगर यह डील पूरी होती है, तो यह फार्मा सेक्टर में देश की दूसरी सबसे बड़ी डील होगी।
सबसे बड़ी डील: लगभग 10 साल पहले, सन फार्मा (Sun Pharma) ने रैनबैक्सी (Ranbaxy) को ₹32,000 करोड़ में खरीदा था। इस सौदे का ऐलान अप्रैल 2014 में हुआ था और रेगुलेटरी क्लियरेंस के बाद मार्च 2015 में यह पूरा हुआ था।
तीसरी सबसे बड़ी डील: इसके बाद का सबसे बड़ा सौदा फिलहाल मैनकाइंड फार्मा (Mankind Pharma) ने किया हुआ है। मैनकाइंड फार्मा ने पिछले साल 2024 में भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स (Bharat Serums and Vaccines-BSV) को ₹13,768 करोड़ में खरीदा था।
टोरेंट और जेबी फार्मा का यह विलय भारतीय फार्मा लैंडस्केप को बदलने और उद्योग में प्रतिस्पर्धा को नई दिशा देने की क्षमता रखता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें