ई-कॉमर्स दिग्गज Meesho भी IPO की दौड़ में: ₹4250 करोड़ जुटाने की तैयारी, SEBI को 'गुपचुप' सौंपा आवेदन!

ई-कॉमर्स दिग्गज Meesho भी IPO की दौड़ में: ₹4250 करोड़ जुटाने की तैयारी, SEBI को 'गुपचुप' सौंपा आवेदन!


भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर की प्रमुख कंपनी मीशो (Meesho) भी अब शेयर बाजार में एंट्री करने के लिए तैयार है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी ने अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास 'गुपचुप' तरीके से आवेदन जमा करा दिया है। इस कदम के साथ ही, मीशो अब उन नए जमाने की इंटरनेट कंपनियों की बढ़ती सूची में शामिल हो गई है, जो भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट होने की तैयारी कर रही हैं।

इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि मीशो अपने आईपीओ के जरिए करीब ₹4,250 करोड़ जुटाने की तैयारी में है। यह राशि कंपनी के विकास और विस्तार योजनाओं को गति देने में मदद करेगी।

टेक स्टार्टअप्स की IPO लाइनअप में मीशो का नाम

पिछले केवल दो हफ्तों में, पाइन लैब्स (Pine Labs), वेकफिट (Wakefit), क्योरफूड्स (Curefoods) और शैडोफैक्स (Shadowfax) जैसी कई अन्य नए जमाने की टेक कंपनियों ने भी अपने IPO लाने के लिए आवेदन जमा कराए हैं। ये कंपनियां सामूहिक रूप से अपने आईपीओ के जरिए कुल करीब ₹6,000 करोड़ जुटाने की योजना बना रही हैं (इसमें ऑफर-फॉर-सेल का हिस्सा शामिल नहीं है)।

मनीकंट्रोल ने इससे पहले एक रिपोर्ट में बताया था कि मीशो इस साल सितंबर-अक्टूबर तक शेयर बाजार में लिस्टिंग की योजना बना रही है। कंपनी के आईपीओ का कुल साइज करीब ₹8,500 करोड़ हो सकता है, जिसमें नए शेयरों के इश्यू के साथ मौजूदा शेयरधारकों द्वारा ऑफर-फॉर-सेल (OFS) का हिस्सा भी शामिल होगा। खबर लिखे जाने तक, मीशो ने इस मामले पर मनीकंट्रोल के सवालों का जवाब नहीं दिया था।

IPO से पहले मीशो की रणनीतिक तैयारी

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में पहले यह भी बताया गया था कि मीशो ने आईपीओ के लिए आवेदन करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण रणनीतिक बदलाव किए थे। कंपनी ने अपने बोर्ड को रिस्ट्रक्चर किया, खुद को पब्लिक इंटिटी में बदला, और अपने मुख्यालय को भी अमेरिका से भारत के बेंगलुरु में शिफ्ट किया, जो भारत केंद्रित विकास रणनीति को दर्शाता है।

गोपनीय फाइलिंग का बढ़ता चलन

मीशो ने अपने संभावित आईपीओ के लिए गोपनीय फाइलिंग (Confidential Filing) का विकल्प चुना है। हाल के दिनों में शैडोफैक्स (Shadowfax) और ग्रो (Groww) सहित कई दूसरे स्टार्टअप्स ने भी इसी रास्ते से आईपीओ के लिए आवेदन किया है।

गोपनीय फाइलिंग का क्या मतलब है?

इसका मतलब यह है कि कंपनी अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को सार्वजनिक रूप से शेयर बाजार या आम निवेशकों के सामने लाए बिना सीधे मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास गुप्त रूप से जमा करती है। सेबी ने साल 2022 में इस सुविधा को लॉन्च किया था।

इसके फायदे:

यह कंपनियों को शुरुआत में बाजार की स्थितियों का आकलन करने का मौका देता है।

संवेदनशील जानकारी को प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से छिपाए रखने में मदद मिलती है।

अगर बाजार की स्थिति ठीक नहीं हो, तो कंपनी आईपीओ को रोक या टाल सकती है, और उसकी कोई जानकारी भी लीक नहीं होती है।

बाद में जब कंपनी आईपीओ लाने का अंतिम फैसला करती है, तभी यह डॉक्यूमेंट पब्लिक डोमेन में जारी किया जाता है।

मीशो का यह कदम भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर के बढ़ते महत्व और टेक स्टार्टअप्स के लिए पूंजी जुटाने की बढ़ती भूख को दर्शाता है। अब सभी की निगाहें सेबी की मंजूरी और मीशो की लिस्टिंग पर टिकी हैं।

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