Lahori Zeera की नई रणनीति: Bisleri की राह पर चलते हुए 'को-बॉटलिंग' से होगा विस्तार, ₹800 करोड़ रेवेन्यू का लक्ष्य!
Lahori Zeera की नई रणनीति: Bisleri की राह पर चलते हुए 'को-बॉटलिंग' से होगा विस्तार, ₹800 करोड़ रेवेन्यू का लक्ष्य!
सोडा ब्रांड Lahori Zeera अपनी ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए अब बिसलेरी (Bisleri) के सफल मॉडल को अपनाने की तैयारी में है। कंपनी का मकसद अपने सोडा को ज्यादा से ज्यादा खुदरा दुकानों और उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है, लेकिन खुद के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट पर मोटा निवेश करने की बजाय वह उत्पादन को आउटसोर्स करने यानी 'को-बॉटलर्स' के साथ कॉन्ट्रैक्ट करने की रणनीति पर काम कर रही है।
क्या है Lahori की 'बिसलेरी अप्रोच'?
बिसलेरी की सफलता का एक बड़ा कारण उसकी 'हाइपरलोकल' मौजूदगी है, जिसने उसे छोटी से छोटी दुकान तक पहुँचाया। आज भारत के कई हिस्सों में बोतलबंद पानी का पर्याय ही बिसलेरी बन गया है। इस सफलता के पीछे, बिसलेरी ने अपने विस्तार के लिए को-बॉटलिंग मॉडल का जमकर इस्तेमाल किया।
Lahori Zeera के Co-founder Nikhil Doda ने मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में बताया, "बिसलेरी की भारत में हर 200 किलोमीटर पर एक Manufacturing Unit है। वे अलग-अलग Co-Bottlers के साथ काम करते हैं। हम इसी मॉडल पर चलेंगे। हमारा इरादा लगभग हर राज्य में स्थानीय मौजूदगी बनाने और एक लोकल प्लांट स्थापित करने का है।"
विस्तार की योजना और वित्तीय स्थिति
लाहौरी जीरा ने अब तक 4 को-बॉटलर्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है और अगले दो साल में इसे बढ़ाकर 20 तक करने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का रेवेन्यू ₹535 करोड़ रहा था, और अब कंपनी ने बढ़ते कॉम्पिटिशन के बीच वित्त वर्ष 2026 तक ₹800 करोड़ के रेवेन्यू को पार करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
हाल ही में Lahori Zeera को मोतीलाल ओसवाल वेल्थ से ₹200 करोड़ की प्राइमरी फंडिंग मिली है, जिससे कंपनी का वैल्यूएशन तीन गुना बढ़कर ₹2,800 करोड़ हो गया है। यह निवेश कंपनी के विस्तार योजनाओं को गति देगा।
'को-बॉटलिंग मॉडल' से कैसे मिलेगी ग्रोथ?
निखिल डोडा ने इस मॉडल के फायदे समझाते हुए कहा, "को-बॉटलर सिर्फ कनवर्जन करते हैं। कच्चा माल हमारा होता है। प्रोडक्ट हम बेचते हैं। इस रास्ते से हमें एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने में पूंजी लगाने की जरूरत नहीं होगी और हम एक ही समय में कई प्लांट स्थापित कर सकते हैं। इससे हमारी ग्रोथ कहीं अधिक तेजी से हो सकती है।"
लाहौरी जीरा मुख्य रूप से 'जनरल ट्रेड' यानी छोटे रिटेल स्टोर्स के जरिए डिस्ट्रीब्यूशन करती है, और इसकी बिक्री उत्तर भारत में सबसे ज्यादा है। यह नई रणनीति कंपनी को पैन-इंडिया प्रेजेंस बनाने में मदद कर सकती है, जिससे वह बेवरेज सेगमेंट में एक मजबूत खिलाड़ी बनकर उभर सके।
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