वेदांता पर संकट: शेयरों में लगातार गिरावट, शॉर्ट-सेलर के 'पोंजी स्कीम' के आरोप और CEO का इस्तीफा!

वेदांता पर संकट: शेयरों में लगातार गिरावट, शॉर्ट-सेलर के 'पोंजी स्कीम' के आरोप और CEO का इस्तीफा!


अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता (Vedanta) के शेयर गुरुवार, 10 जुलाई को लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सुबह 11:30 बजे के करीब, कंपनी के शेयर लगभग 1.5% लुढ़ककर ₹434.30 के भाव पर थे। इससे ठीक एक दिन पहले, बुधवार को इंट्रा-डे के दौरान शेयरों में 8% तक की तेज गिरावट देखी गई थी। इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म, Viceroy Research द्वारा जारी की गई एक तीखी रिपोर्ट है, जिसमें उसने वेदांता की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।


वायसराय रिसर्च के गंभीर आरोप: 'पोंजी स्कीम' और 'परजीवी' होल्डिंग कंपनी!

वायसराय रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में वेदांता रिसोर्सेज की वित्तीय स्थिति को 'पोंजी स्कीम' जैसा बताया है और दावा किया है कि उसने कंपनी के डेट में शॉर्ट पोजिशन ली है। फर्म ने वेदांता रिसोर्सेज को एक 'पैरासाइट' (परजीवी) होल्डिंग कंपनी करार दिया है, "जिसका खुद का कोई मुख्य कारोबार नहीं है और वह पूरी तरह से अपनी मरणासन्न सब्सिडियरी कंपनी, वेदांता से निकाली गई नकदी पर टिकी है।"


वायसराय ने आगे कहा कि अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली कंपनी अपने कर्ज को चुकाने के लिए वेदांता को व्यवस्थित रूप से 'चूस' रही है। रिपोर्ट में कहा गया है, "अपने शॉर्ट-टर्म दायित्वों को पूरा करने के लिए वेदांता रिसोर्सेज ने जो कदम उठाए हैं, वे सीधे तौर पर उसके लेनदारों की मूलधन वसूलने की लॉन्ग-टर्म क्षमता को कमजोर कर रहे हैं। यह स्थिति एक पोंजी स्कीम जैसी दिखती है, वेदांता के स्टेकहोल्डर्स और वेदांता रिसोर्सेज के क्रेडिटर्स 'मूर्ख' बनते जा रहे हैं।"


वेदांता का कड़ा जवाब: आरोपों को बताया 'झूठ का पुलिंदा'

इस रिपोर्ट के आने के बाद वेदांता रिसोर्सेज के शेयर बुधवार, 9 जुलाई को कारोबार के दौरान 8% तक लुढ़क गए थे। हालाँकि, बाद में वेदांता की ओर से जारी एक स्पष्टीकरण के बाद इसने कुछ रिकवरी की और कारोबार के अंत में करीब 3% की गिरावट के साथ बंद हुआ।


वेदांता ने शेयर बाजारों को भेजे बयान में वायसराय रिसर्च के सभी आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज किया। कंपनी ने कहा कि यह रिपोर्ट "गलत जानकारी और बेबुनियाद आरोपों का मिला-जुला प्रोपेगेंडा" है, जिसका मकसद सिर्फ ग्रुप की साख को नुकसान पहुँचाना है। कंपनी ने यह भी आरोप लगाया कि रिपोर्ट बिना उनसे संपर्क किए जारी की गई है और इसका उद्देश्य केवल झूठा प्रचार करना है ताकि बाजार में हलचल मचाकर मुनाफा कमाया जा सके। वेदांता ने यह भी दोहराया कि वह अपने सभी वित्तीय दायित्वों का पालन कर रही है और ग्रुप की वित्तीय स्थिति मजबूत है। निवेशकों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक बयानों पर भरोसा करें।


AGM और CEO का इस्तीफा: मुश्किलें जारी

Viceroy Research की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब वेदांता के शेयरधारकों की आज, 10 जुलाई को सालाना जनरल मीटिंग (AGM) होने वाली है। इस बैठक में सबका ध्यान चेयरमैन अनिल अग्रवाल के भाषण पर होगा, जिसमें शॉर्ट-सेलर फर्म के आरोपों का जवाब दिया जा सकता है।


इसी बीच, न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में बताया है कि वेदांता रिसोर्सेज के बेस मेटल्स के सीईओ, क्रिस ग्रिफिथ (Chris Griffith) ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। वह साउथ अफ्रीका और नामिबिया में वेदांता की जिंक खदानों सहित कई एसेट्स के प्रभारी थे, और कंपनी के इंटरनेशनल बिजनेस के प्रेसिडेंट भी थे। मनीकंट्रोल इस रिपोर्ट की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है। इस इस्तीफे ने वेदांता के लिए मौजूदा विवादों के बीच नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।


हिंदुस्तान जिंक के शेयर भी लगातार दूसरे दिन लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जो वेदांता समूह की कंपनियों पर इस विवाद के व्यापक प्रभाव को दर्शाता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

IPO से पहले Lenskart को 'सुपर-विजन': फिडेलिटी ने $6.1 अरब पर आंका वैल्यूएशन, क्या है खास?

तिलकनगर इंडस्ट्रीज का शेयर 8% उछला: कल बोर्ड मीटिंग में फंड जुटाने पर विचार, सबकी निगाहें 'इंपीरियल ब्लू' डील पर!

HDB फाइनेंशियल IPO का बिग-बैंग: ₹12,500 करोड़ का issue 25 जून को खुलेगा, पर listed प्रतिस्पर्धियों से इस मोर्चे पर दिख रही 'कमजोर सेहत'!