Asston Pharma की लिस्टिंग से IPO निवेशकों को झटका: 186 गुना सब्सक्राइब होने के बावजूद शेयर लोअर सर्किट पर क्यों गिरा?

Asston Pharma की लिस्टिंग से IPO निवेशकों को झटका: 186 गुना सब्सक्राइब होने के बावजूद शेयर लोअर सर्किट पर क्यों गिरा?


दुनिया भर में फार्मा प्रोडक्ट्स की सप्लाई करने वाली एस्टन फार्मा (Asston Pharma) के शेयरों की आज बीएसई के एसएमई (SME) प्लेटफॉर्म पर निराशाजनक एंट्री हुई। ₹123 के इश्यू प्राइस वाले शेयरों की लिस्टिंग ₹119 पर हुई, यानी आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला, बल्कि उनकी पूंजी में 3.25% की गिरावट आ गई। लेकिन यह झटका यहीं खत्म नहीं हुआ। लिस्टिंग के तुरंत बाद शेयर टूटकर ₹113.05 के लोअर सर्किट पर आ गया, जिससे आईपीओ निवेशकों को 8.09% का सीधा घाटा हुआ।

यह घटना इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि एस्टन फार्मा के IPO को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था। यह IPO Overall 186.55 गुना से अधिक subscribe हुआ था, जिसमें खुदरा निवेशकों का हिस्सा 172 गुना से ज्यादा भरा था।

IPO से जुटाए पैसों का क्या होगा?

Asston Pharma का ₹27.56 करोड़ का IPO 9 से 11 जुलाई तक खुला था। इस IPO के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले 22.41 लाख नए शेयर जारी किए गए। कंपनी ने बताया है कि इन पैसों का इस्तेमाल कई महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाएगा:

₹6 करोड़: नई मशीनरी खरीदने के लिए।

₹13 करोड़: बढ़ती वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए।

₹1 करोड़: कर्ज चुकाने के लिए।

बाकी पैसा: अन्य सामान्य corporate उद्देश्यों पर खर्च होगा।

एस्टन फार्मा का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन

वर्ष 2019 में स्थापित एस्टन फार्मा, टैबलेट्स, कैप्सूल, सैशे और सिरप जैसे हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स की सप्लाई करती है। कंपनी सीधी बिक्री के साथ-साथ कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग भी करती है। वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो, कंपनी लगातार मजबूत हुई है:

शुद्ध मुनाफा: वित्त वर्ष 2023 में ₹1.06cr से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में ₹4.33Cr पर पहुंचा।

रेवेन्यू: इसी अवधि में ₹7.19 करोड़ से बढ़कर ₹25.61 करोड़ पर पहुंचा।

चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले दो महीनों (अप्रैल-मई) में ही कंपनी ने ₹1.32 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹6.21 करोड़ का रेवेन्यू हासिल कर लिया है।

मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के बावजूद, शेयर का लिस्टिंग के बाद गिरना इस बात का संकेत है कि बाजार में निवेशकों का सेंटीमेंट फिलहाल कमजोर है, और आईपीओ के ऊंचे सब्सक्रिप्शन के बावजूद मुनाफा वसूली हावी रही है।

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