Amazon भी अब 10 मिनट में करेगा डिलीवरी: दिल्ली में 'Amazon Now' लॉन्च, क्विक कॉमर्स की जंग हुई और तेज!
Amazon भी अब 10 मिनट में करेगा डिलीवरी: दिल्ली में 'Amazon Now' लॉन्च, क्विक कॉमर्स की जंग हुई और तेज!
ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन (Amazon) अब भारत में अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी की दौड़ में कूद गया है। कंपनी ने अपनी 10 मिनट में डिलीवरी करने वाली सर्विस 'Amazon Now' को दिल्ली में लॉन्च कर दिया है। बेंगलुरु में सफल शुरुआत के बाद, यह सर्विस अब राष्ट्रीय राजधानी के कुछ चुनिंदा पिन कोड्स में उपलब्ध होगी। कंपनी ने संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में इसका और विस्तार किया जाएगा, जिससे क्विक कॉमर्स सेगमेंट में मुकाबला और गरमा गया है।
क्या है Amazon Now और ग्राहकों के लिए क्या है फायदा?
Amazon Now के जरिए ग्राहक अपनी रोजमर्रा की जरूरी चीजें जैसे ग्रोसरी, घरेलू उत्पाद और पर्सनल केयर आइटम्स को सिर्फ 10 मिनट में अपने घर मंगवा सकते हैं। अमेजन का दावा है कि इस सर्विस में भी वही उच्च गुणवत्ता, सुरक्षा और भरोसे का ध्यान रखा जाएगा जो उसके मुख्य प्लेटफॉर्म पर मिलता है। कंपनी के मुताबिक, शुरुआत में ग्राहकों से, खासकर Amazon Prime सदस्यों से, बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इसी को देखते हुए अमेजन इस सर्विस को जल्द ही और इलाकों में बढ़ाने की योजना बना रहा है।
क्विक कॉमर्स: नया ट्रेंड और बढ़ती प्रतियोगिता
भारत में ग्राहक अब तेजी से डिलीवरी की उम्मीद करने लगे हैं। जहां पहले 1-2 दिन की डिलीवरी सामान्य मानी जाती थी, वहीं अब उपभोक्ता कुछ ही मिनटों में ऑर्डर डिलीवरी की मांग कर रहे हैं। इसी ट्रेंड को देखते हुए, फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने भी 'Flipkart Minutes' के नाम से अपनी क्विक डिलीवरी सर्विस शुरू की थी, जो अब 14 शहरों में चालू हो चुकी है।
सिर्फ ग्रॉसरी ही नहीं, अब इलेक्ट्रॉनिक्स भी:
शुरुआत में क्विक कॉमर्स सिर्फ ग्रॉसरी पर केंद्रित था, लेकिन अब यह कई और कैटेगरी तक पहुँच चुका है। स्विगी इंस्टामार्ट (Swiggy Instamart) अब 10 शहरों में स्मार्टफोन डिलीवर कर रहा है। ब्लिंकिट (Blinkit) और ज़ेप्टो (Zepto) जैसे प्लेटफॉर्म्स ने भी होम अप्लायंसेज और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कैटेगरी में एंट्री कर ली है। यह दर्शाता है कि क्विक कॉमर्स का दायरा तेजी से बढ़ रहा है।
मजबूत डिमांड, पर मुनाफे की चुनौती
तेजी से बढ़ती डिमांड के बावजूद, क्विक कॉमर्स कंपनियों के लिए मुनाफा कमाना अभी भी एक बड़ी चुनौती है। ब्लिंकिट को वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 134% की ग्रोथ मिली, लेकिन कंपनी को ₹178 करोड़ का घाटा हुआ। वहीं, स्विगी इंस्टामार्ट को ₹840 करोड़ का घाटा हुआ, क्योंकि उसने अपने स्टोर्स नेटवर्क का विस्तार किया। यह दर्शाता है कि तीव्र विस्तार और डिलीवरी इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत इन कंपनियों के लिए लाभप्रदता पर दबाव डाल रही है।
बाजार में किसका बढ़ रहा दबदबा?
ICICI सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से जून 2025 की तिमाही में ब्लिंकिट और इंस्टामार्ट की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है। ब्लिंकिट का ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) 25% और इंस्टामार्ट का 22% बढ़ा, जबकि पूरे सेक्टर की ग्रोथ 20% से कम रही।
दूसरी ओर, ज़ेप्टो (Zepto) को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके डेली एक्टिव यूजर्स (DAUs) दिसंबर 2024 में 5.5 मिलियन से घटकर जून 2025 में 4.9 मिलियन हो गए हैं। इसकी तुलना में ब्लिंकिट के DAUs बढ़कर 6.2 मिलियन हो गए हैं। इंस्टामार्ट की नई ऐप ने जून में 1.1 मिलियन DAUs हासिल किए।
अमेजन नाउ की दिल्ली में एंट्री से क्विक कॉमर्स सेक्टर में प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह दिग्गज खिलाड़ी इस तेज-तर्रार बाजार में अपनी जगह कैसे बनाता है और लाभप्रदता की चुनौती को कैसे पार करता है।
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