RBI का 'बड़ा दांव': 50 बेसिस पॉइंट्स की रेपो रेट कटौती से बाजार में बहार, बैंकिंग, रियल्टी और ऑटो शेयरों में 'रॉकेट' जैसी तेजी!

RBI का 'बड़ा दांव': 50 बेसिस पॉइंट्स की रेपो रेट कटौती से बाजार में बहार, बैंकिंग, रियल्टी और ऑटो शेयरों में 'रॉकेट' जैसी तेजी!


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने शुक्रवार, 6 जून को बाजार की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए एक बड़ा ऐलान किया। MPC ने प्रमुख उधार दर (रेपो रेट) में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर दी है, जिससे यह 5.5 प्रतिशत पर आ गई है। यह लगातार दूसरी दर कटौती है, इससे पहले अप्रैल में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती हुई थी। इस अहम फैसले के साथ ही, RBI ने अपना रुख 'एकोमोडेटिव' (उदार) से बदलकर 'न्यूट्रल' (तटस्थ) कर दिया है, जो भविष्य की दरों के प्रति अधिक लचीलेपन का संकेत है।

इस घोषणा का तुरंत असर दिखा। बैंकिंग, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और ऑटोमोबाइल जैसे 'रेट-सेंसिटिव' (ब्याज दर से प्रभावित होने वाले) शेयरों में जोरदार खरीदारी देखने को मिली, जिससे ये सेक्टर्स 2% तक की तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे। निवेशकों ने इस बात पर दांव लगाया कि उधार लेने की लागत कम होने से हाउसिंग और ऑटो उत्पादों की मांग बढ़ेगी, जिससे ऋणदाताओं के मुनाफे में सुधार होगा।

CRR में कटौती: बैंकों के लिए 'बोनस'

रेपो रेट में कटौती के अलावा, RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 100 बेसिस पॉइंट्स की बड़ी कटौती की है। यह कटौती इस साल चार किश्तों में होगी— 6 सितंबर, 4 अक्टूबर, 1 नवंबर और 29 नवंबर को 25-25 बेसिस पॉइंट्स की। CRR में इस कमी से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अधिक नकदी उपलब्ध होगी, जिससे बैंकिंग शेयरों को और भी ज्यादा बढ़ावा मिला। यह फैसला बैंकों की तरलता (liquidity) बढ़ाने और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में मदद करेगा।


सेक्टोरल इंडेक्स में जोरदार उछाल:

सुबह 10:10 बजे तक, बाजार में सेक्टोरल इंडेक्सेस में स्पष्ट तेजी देखी गई:

बैंक निफ्टी और निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स में मजबूत बढ़त दर्ज की गई।

निफ्टी पीएसयू बैंक में 1% का उछाल आया, जो सरकारी बैंकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

निफ्टी रियल्टी इंडेक्स कारोबार के दौरान 2% तक चढ़ गया, क्योंकि कम ब्याज दरें होम लोन को सस्ता बनाती हैं, जिससे घरों की बिक्री को बढ़ावा मिलता है।

निफ्टी ऑटो इंडेक्स में भी 0.3% की तेजी आई, क्योंकि वाहनों की खरीद के लिए कर्ज की लागत घटने से उपभोक्ता मांग बढ़ने की उम्मीद है।

एक्सपर्ट्स की उम्मीदों से बढ़कर असर

घोषणा से पहले, कई एक्सपर्ट्स ने 25 बेसिस पॉइंट्स की सामान्य कटौती का अनुमान लगाया था और कहा था कि इससे इक्विटी बाजारों में कोई बहुत बड़ा बदलाव आने की संभावना नहीं है। उनकी राय थी कि रेपो दर या नीतिगत रुख में कोई बड़ा आश्चर्य होने की उम्मीद नहीं है, और शेयरों पर नतीजों व वैश्विक संकेतों का ज्यादा असर पड़ेगा।


हालांकि, 50 बेसिस पॉइंट्स की बड़ी कटौती और 'न्यूट्रल' रुख ने बाजार को सुखद आश्चर्यचकित किया। यह संकेत देता है कि RBI अर्थव्यवस्था को गति देने और उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रहा है। इस कदम से न केवल वित्तीय बाजारों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल जैसे प्रमुख आर्थिक इंजनों को भी नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है, जिससे आने वाले समय में इन सेक्टर्स में वास्तविक 'बूम' देखा जा सकता है।

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