PNB मैनेजर गिरफ्तार: CBI ने ₹183 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले का किया पर्दाफाश, 5 राज्यों में छापेमारी!

PNB मैनेजर गिरफ्तार: CBI ने ₹183 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले का किया पर्दाफाश, 5 राज्यों में छापेमारी!


केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ₹183 करोड़ से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े एक बड़े वित्तीय घोटाले की जांच शुरू की है, जिसने देश भर में हलचल मचा दी है। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शुरू की गई है और मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (MPJNL) द्वारा प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए दिए गए कॉन्ट्रैक्ट्स से संबंधित है।

एजेंसी द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान के अनुसार, सीबीआई ने 9 मई को तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। ये एफआईआर इंदौर स्थित एक कंपनी द्वारा प्रस्तुत फर्जी बैंक गारंटी से संबंधित हैं, जिसने 2023 में MPJNL से तीन प्रमुख सिंचाई-संबंधी कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए थे, जिनकी कुल कीमत लगभग ₹974 करोड़ रुपये है।

फर्जी गारंटी का जाल और MPJNL को धोखा:

इन विशाल प्रोजेक्ट्स को सुरक्षित करने के लिए, संबंधित कंपनी ने कुल ₹183.21 करोड़ की आठ जाली बैंक गारंटी जमा की। चौंकाने वाली बात यह है कि वेरिफिकेशन प्रोसेस के दौरान, MPJNL को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के आधिकारिक डोमेन से गारंटी की पुष्टि करने वाले ईमेल भी प्राप्त हुए। हालांकि, बाद में ये ईमेल और संबंधित बैंक गारंटी पूरी तरह से फर्जी पाए गए।

उन फर्जी ईमेल के आधार पर ही, MPJNL ने कंपनी को लगभग ₹1,000 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट मंजूर कर दिए थे। इस धोखाधड़ी के सामने आने के बाद, सीबीआई ने बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया।


CBI का देशव्यापी छापा और गिरफ्तारियां:

सीबीआई ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 19 और 20 जून को पांच राज्यों – दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात और झारखंड – में 23 स्थानों पर बड़े पैमाने पर छापे मार कर तलाशी अभियान चलाया।

सीबीआई ने बताया कि छापेमारी के दौरान कोलकाता से पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ प्रबंधक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को स्थानीय कोलकाता कोर्ट में पेश किया गया और अब ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया जा रहा है, जहां उनसे आगे की पूछताछ की जाएगी।

ANI से मिली जानकारी के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चलता है कि इस घोटाले के पीछे कोलकाता स्थित एक संगठित गिरोह का हाथ है। जांच एजेंसियां इस संभावना पर भी गौर कर रही हैं कि यह गिरोह अन्य राज्यों में भी सरकारी ठेके हासिल करने के लिए इसी तरह की फर्जी गारंटी का इस्तेमाल कर रहा हो। इस बड़े घोटाले की जांच अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की उम्मीद है।

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