जामनगर में ONGC की नई रिफाइनरी का 'बिग प्लान': सऊदी अरब करेगा क्रूड ऑयल सप्लाई, ₹100 अरब डॉलर के निवेश पर भी नजर!

जामनगर में ONGC की नई रिफाइनरी का 'बिग प्लान': सऊदी अरब करेगा क्रूड ऑयल सप्लाई, ₹100 अरब डॉलर के निवेश पर भी नजर!



भारतीय ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) गुजरात के जामनगर जिले में एक नई ग्रीनफील्ड रिफाइनरी स्थापित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए सऊदी अरब से कच्चे तेल की नियमित सप्लाई की योजना बनाई जा रही है, और दोनों देश एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाने पर भी विचार कर रहे हैं। मनीकंट्रोल को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि की है।


अधिकारी ने बताया, "यह एक कोस्टल रिफाइनरी होगी, जिसे गुजरात के जामनगर जिले या उसके आसपास के इलाके में बनाए जाने की संभावना है। 'धारुका' इलाके पर भी विचार किया जा रहा है।" फिलहाल, ONGC इस परियोजना के लिए एक डिटेल्ड फीजिबिलिटी रिपोर्ट (DFR) तैयार कर रहा है। इसी रिपोर्ट के आधार पर रिफाइनरी की अंतिम क्षमता और कुल निवेश को लेकर अंतिम फैसला किया जाएगा। इस खबर के लिखे जाने तक ONGC से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली थी।


भारत-सऊदी अरब ऊर्जा सहयोग का नया अध्याय:

यह परियोजना भारत और सऊदी अरब के बीच बढ़ते ऊर्जा सहयोग का हिस्सा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अप्रैल 2025 में सऊदी अरब दौरे के दौरान, दोनों देशों ने विशेष रूप से रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया था। उस समय जारी एक संयुक्त बयान में यह भी कहा गया था कि भारत और सऊदी अरब मिलकर देश में दो रिफाइनरियां स्थापित करेंगे।


इनमें से दूसरी रिफाइनरी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की ओर से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में लगाई जा रही है। फरवरी में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, BPCL भी सऊदी अरब के साथ कच्चे तेल की सप्लाई को लेकर लॉन्ग-टर्म समझौता करने की योजना बना रहा है। अगर सऊदी अरब उचित छूट देने पर सहमत होता है, तो BPCL इस परियोजना में 20-25% हिस्सेदारी सऊदी पक्ष को देने और एक ज्वाइंट वेंचर (JV) बनाने के लिए भी तैयार है। इस संबंध में बातचीत फिलहाल जारी है।


₹100 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीदें:

भारत और सऊदी अरब लंबे समय से एनर्जी सेक्टर में महत्वपूर्ण साझेदार रहे हैं। साल 2019 में सऊदी अरब ने भारत के साथ एक मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे और एग्रीकल्चर, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग और एनर्जी जैसे सेक्टर्स में देश में 100 अरब डॉलर के निवेश की योजना का ऐलान किया था। हालांकि, यह निवेश योजना अब तक पूरी तरह से अमल में नहीं आ सकी है।


अब भारत की आगामी रिफाइनरी परियोजनाओं में सऊदी अरब की ओर से आए निवेश प्रस्तावों को इसी पिछली योजना का एक हिस्सा माना जा रहा है। यदि यह नई रिफाइनरी परियोजनाएं साकार होती हैं, तो यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और गहरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

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