भारत के सबसे बड़े डिपॉजिटरी NSDL का IPO: जुलाई में ₹3,400 करोड़ का मेगा-इश्यू आने को तैयार!

भारत के सबसे बड़े डिपॉजिटरी NSDL का IPO: जुलाई में ₹3,400 करोड़ का मेगा-इश्यू आने को तैयार!

भारतीय पूंजी बाज़ार के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है! देश की सबसे पुरानी और एसेट्स अंडर कस्टडी (AUM) के लिहाज़ से सबसे बड़ी डिपॉजिटरी, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) अगले महीने, यानी जुलाई 2025 में अपना बहुप्रतीक्षित आईपीओ (Initial Public Offering) लाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी लगभग ₹3421.6 करोड़ (लगभग $400 मिलियन) का इश्यू लॉन्च करने की योजना बना रही है।


NSDL, जो भारतीय शेयर बाजार में डीमैटरियलाइज़्ड शेयरों के संरक्षक के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, पिछले साल ही आईपीओ लाने के लिए आवेदन दायर कर चुकी थी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अक्टूबर 2024 में ही कंपनी के आवेदन को मंजूरी देकर आईपीओ लाने की इजाजत दे दी थी। अब बाज़ार में ऐसी खबरें गरम हैं कि जुलाई में यह इश्यू निवेशकों के लिए खुल सकता है।


आईपीओ का स्वरूप: 'ऑफर फॉर सेल' का खेल

NSDL का यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा। इसका मतलब यह है कि इस पब्लिक इश्यू से जुटाया गया पैसा सीधे NSDL कंपनी को नहीं मिलेगा। बल्कि, कंपनी के मौजूदा बड़े शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे। इनमें प्रमुख रूप से आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India - SBI) शामिल हैं। यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है जिस पर निवेशकों को ध्यान देना चाहिए।

आईपीओ प्रक्रिया को संभालने के लिए आईडीबीआई कैपिटल मार्केट सर्विसेज, एक्सिस कैपिटल, एचएसबीसी होल्डिंग्स और आईडीबीआई कैपिटल को मर्चेंट बैंकर के रूप में नियुक्त किया गया है।

NSDL की बाजार में स्थिति:

NSDL भारत में दो प्रमुख डिपॉजिटरी में से एक है (दूसरी CDSL है)। यह भारतीय पूंजी बाजार के इन्फ्रास्ट्रक्चर का एक अभिन्न अंग है, जो निवेशकों के शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सुरक्षित रखता है। इसके बिना शेयर बाजार में ट्रेडिंग और सेटलमेंट संभव नहीं है।

कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव विजय चंडोक ने हालांकि आईपीओ की टाइमलाइन को लेकर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है, और कंपनी के प्रवक्ता ने भी इस संबंध में कुछ नहीं कहा है। लेकिन बाज़ार के जानकारों और निवेशकों की निगाहें इस महत्वपूर्ण लिस्टिंग पर टिकी हुई हैं, क्योंकि यह भारतीय वित्तीय प्रणाली के एक प्रमुख स्तंभ को सार्वजनिक करने का अवसर होगा।

यह आईपीओ निवेशकों को भारत के बढ़ते वित्तीय बाज़ारों के साथ परोक्ष रूप से जुड़ने का मौका देगा, क्योंकि देश में डीमैटरियलाइज़्ड अकाउंट्स और इक्विटी निवेश लगातार बढ़ रहा है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

IPO से पहले Lenskart को 'सुपर-विजन': फिडेलिटी ने $6.1 अरब पर आंका वैल्यूएशन, क्या है खास?

तिलकनगर इंडस्ट्रीज का शेयर 8% उछला: कल बोर्ड मीटिंग में फंड जुटाने पर विचार, सबकी निगाहें 'इंपीरियल ब्लू' डील पर!

HDB फाइनेंशियल IPO का बिग-बैंग: ₹12,500 करोड़ का issue 25 जून को खुलेगा, पर listed प्रतिस्पर्धियों से इस मोर्चे पर दिख रही 'कमजोर सेहत'!