डिफेंस स्टॉक GRSE में गिरावट: क्या यह निवेश का सुनहरा मौका है या लाल झंडा?

डिफेंस स्टॉक GRSE में गिरावट: क्या यह निवेश का सुनहरा मौका है या लाल झंडा?



हाल ही में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली है। पिछले एक हफ्ते में यह स्टॉक 9% फिसल चुका है और 11 जून को यह 4.34% गिरकर ₹3,095 पर बंद हुआ। यह ऐसे समय में हो रहा है जब कंपनी ने चौथी तिमाही में शानदार प्रदर्शन दर्ज किया है, जिससे निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह गिरावट खरीदारी का मौका है या किसी बड़े जोखिम का संकेत?


दमदार ऑर्डरबुक और भविष्य की उम्मीदें

GRSE की ऑर्डरबुक इस समय ₹22,680 करोड़ की है, जो कंपनी के सालाना रेवेन्यू का 4.4 गुना है। इस विशाल ऑर्डरबुक में कुल 40 प्लेटफॉर्म शामिल हैं, जिनमें भारतीय नौसेना के लिए 16 वॉरशिप (युद्धपोत) भी हैं। कंपनी ने हाल ही में कई बड़े प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

GRSE को आगामी समय में भी मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद है। कंपनी को EBITDA मार्जिन 13% पर बने रहने की आशा है। इस साल कंपनी P-17 अल्फा शिप की डिलीवरी अगले दो महीने में कर सकती है। इसके अलावा, अगले साल भी कई बड़ी डिलीवरी निर्धारित हैं, जिनमें एक और P-17 अल्फा शिप शामिल है।


विस्तार योजनाएँ और नए प्रोजेक्ट्स

GRSE केवल घरेलू बाजार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पकड़ मजबूत कर रही है:

कंपनी जर्मनी के एक क्लाइंट के लिए 8 मल्टीपर्पज वीसल्स पर काम कर रही है, जिसमें से पहले जहाज की डिलीवरी तीन साल के भीतर होने की उम्मीद है।

यह बांग्लादेश सरकार के लिए 13 हाइब्रिड फेरीज (Hybrid Ferries) के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है।

कंपनी को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से दो वीसल्स के ऑर्डर मिलने की भी उम्मीद है।

अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए, GRSE ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट पर तीन ड्राई डॉक लॉन्ग टर्म लीज पर लिए हैं। कंपनी ने इस साल अपनी शिप बिल्डिंग कैपेसिटी को 20 से बढ़ाकर 24 कर दिया है और 2026 तक इसे 28 करने का बड़ा प्लान है। कंपनी कोलकाता के बाहर ग्रीनफील्ड एक्सपैंशन (नए प्लांट स्थापित करने) के मौकों की भी तलाश में है।


वैल्यूएशन और निवेशक की दुविधा

कंपनी के शेयरों में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के करीब 43 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। GRSE का एग्जिक्यूशन ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है और मजबूत ऑर्डरबुक के कारण रेवेन्यू की तस्वीर काफी साफ है। क्षमता बढ़ने से निश्चित रूप से राजस्व में और वृद्धि होगी।

हालांकि, हालिया गिरावट के बावजूद, कंपनी का वैल्यूएशन अभी भी ऊँचा बना हुआ है। निवेशकों को इस बात पर विचार करना होगा कि क्या मौजूदा गिरावट एक अस्थायी करेक्शन है जो खरीदारी का अवसर प्रदान करता है, या फिर यह ऊँचे वैल्यूएशन के कारण होने वाली स्वाभाविक कूलिंग है। कंपनी के मजबूत फंडामेंटल्स और ऑर्डरबुक को देखते हुए, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह डिफेंस स्टॉक आकर्षक हो सकता है, लेकिन अल्पकालिक उतार-चढ़ाव पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

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