Arisinfra Solutions IPO: इंफ्रा-टेक का नया दांव? ₹500 करोड़ का इश्यू 18 जून को खुलेगा!

Arisinfra Solutions IPO: इंफ्रा-टेक का नया दांव? ₹500 करोड़ का इश्यू 18 जून को खुलेगा!



लंबे इंतजार और दो बार के टलने के बाद, कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए 'डिजिटल बैकबोन' के रूप में काम करने वाली एरिसइंफ्रा सॉल्यूशंस (Arisinfra Solutions) का बहुप्रतीक्षित पब्लिक इश्यू आखिरकार 18 जून को खुलने जा रहा है। पहले इसे इस साल फरवरी और फिर मार्च में लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन अब यह ₹499.60 करोड़ के संशोधित आकार के साथ बाजार में दस्तक देगा, जो पहले के ₹600 करोड़ से कम है। निवेशक 20 जून तक इसमें पैसे लगा सकेंगे, जबकि एंकर निवेशक 17 जून को बोली लगाएंगे।

साल 2021 में शुरू हुई एरिसइंफ्रा सॉल्यूशंस, कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को मैटेरियल्स की खरीद में सहायता करती है और उनके फाइनेंस को भी मैनेज करती है। यह एक B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) कंपनी है, जिसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में GI पाइप, MS वायर, MS TMT बार (सभी स्टील) और OPC बल्क (सीमेंट) जैसे महत्वपूर्ण निर्माण सामग्री शामिल हैं।

IPO की डिटेल्स और लिस्टिंग का इंतजार:

यह IPO पूरी तरह से 2.25 करोड़ नए शेयरों का एक फ्रेश इश्यू होगा। कंपनी ने प्रति शेयर ₹210-222 का प्राइस बैंड तय किया है, जिसमें एक लॉट में 67 शेयर होंगे।

  • अलॉटमेंट: 23 जून को फाइनल होने की संभावना है।
  • लिस्टिंग: BSE और NSE पर 25 जून 2025 को हो सकती है।
  • बुक रनिंग लीड मैनेजर: जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, IIFL कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट।
  • रजिस्ट्रार: MUFG Intime India Private Limited (Link Intime)।

IPO में शेयरों का आवंटन इस प्रकार होगा:

  • क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए: 75%
  • रिटेल इनवेस्टर्स के लिए: 10%
  • नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) के लिए: 15%

एरिसइंफ्रा की ताकतें और भविष्य के अवसर:

  • डिजिटलीकरण और डिलीवरी की दक्षता: कंपनी खरीद प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, समय-सीमा कम करने और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने के लिए AI, ML और डेटा एनालिटिक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करती है। इसके प्लेटफ़ॉर्म ने अप्रैल-दिसंबर 2025 में 1.21 लाख से अधिक डील-संबंधित डॉक्युमेंट्स को डिजिटल किया, जो FY24 के 35,583 और FY23 के 757 डॉक्युमेंट्स से काफी अधिक है।
  • डेटा-संचालित खरीद: इंटीग्रेटेड 'एरिसडिलीवरी' सिस्टम रियल-टाइम डिलीवरी ट्रैकिंग और कुशल ऑर्डर मैनेजमेंट को सक्षम बनाता है। साथ ही, ऑटोमेटेड RFQ प्रोसेसिंग और डेटा की मदद से वेंडर का सिलेक्शन तेज और लागत प्रभावी खरीद सुनिश्चित करता है।
  • थर्ड-पार्टी मैन्युफैक्चरिंग में विस्तार: आपूर्ति की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने, मार्जिन में सुधार करने और बिचौलियों पर निर्भरता कम करने के लिए कंपनी ने FY23 में एग्रीगेट्स, RMC (रेडी-मिक्स कंक्रीट) और वॉलिंग समाधानों की थर्ड-पार्टी मैन्युफैक्चरिंग में भी प्रवेश किया। इस सेगमेंट ने वित्त वर्ष 2025 के पहले 9 महीनों में राजस्व में ₹190.26 करोड़ (34.81%) का योगदान दिया, जो वित्त वर्ष 2023 के ₹18.41 करोड़ (2.47%) से काफी अधिक है।

IPO के पैसों का उपयोग:

IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग मुख्य रूप से कंपनी के कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने, अपनी सब्सिडियरी Buildmex Infra Private Limited में निवेश करने और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

कंपनी के प्रमोटर्स में रौनक किशोर मोरबिया, भाविक जयेश खरा, सिद्धार्थ भास्कर शाह, जैस्मीन भास्कर शाह, प्रियंका भास्कर शाह, भास्कर शाह, एस्पायर फैमिली ट्रस्ट और प्रियंका शाह फैमिली ट्रस्ट शामिल हैं।

जोखिम और खतरे: निवेशकों को क्या देखना चाहिए?

  • लगातार घाटे का जोखिम: कंपनी ने पहले भी घाटे का सामना किया है और अगर राजस्व वृद्धि और लागत नियंत्रण को बरकरार नहीं रखा गया, तो घाटा जारी रह सकता है। वित्त वर्ष 2024 में घाटा ₹17.30 करोड़ और वित्त वर्ष 2023 में ₹15.39 करोड़ था।
  • भौगोलिक एकाग्रता का खतरा: कंपनी का राजस्व एक बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु से आता है। इन राज्यों ने अप्रैल-दिसंबर 2024 अवधि के दौरान राजस्व में 94.79%, वित्त वर्ष 2024 के दौरान 81.05%, वित्त वर्ष 2023 के दौरान 85.04% और वित्त वर्ष 2022 के दौरान 92.15% का योगदान दिया। इन राज्यों में कोई भी प्रतिकूल घटनाक्रम कंपनी के कारोबारी प्रदर्शन, वित्तीय स्थिति और नकदी प्रवाह पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

निवेशकों को एरिसइंफ्रा के आईपीओ में निवेश करने से पहले इन जोखिमों और कंपनी की विकास क्षमता दोनों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह 'डिजिटल नींव' पर बनी इंफ्रा-टेक कंपनी बाजार में कैसी प्रतिक्रिया पाती है।

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