म्यूचुअल फंड्स ने मई में बढ़ाई 'बुलिश' चाल: कैश होल्डिंग में 4.4% की गिरावट, 60% से ज़्यादा स्कीमें इक्विटी में घुसीं!

म्यूचुअल फंड्स ने मई में बढ़ाई 'बुलिश' चाल: कैश होल्डिंग में 4.4% की गिरावट, 60% से ज़्यादा स्कीमें इक्विटी में घुसीं!


मई 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड (MF) स्कीमों ने बाजार में अपनी 'बुलिश' चाल को और तेज़ कर दिया है, क्योंकि उनकी कैश होल्डिंग में महीने-दर-महीने आधार पर 4.4% की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। PrimeMFdatabase.com के आंकड़ों के अनुसार, इन स्कीमों में कैश होल्डिंग अप्रैल के ₹1.73 लाख करोड़ से घटकर ₹1.65 लाख करोड़ रह गई, जो ₹7,607 करोड़ की कमी को दर्शाता है। यह इक्विटी बाजार में बढ़ते निवेश का सीधा संकेत है, क्योंकि असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) के हिस्से के रूप में नकदी का स्तर मई में 3.56% तक गिर गया, जो पिछले महीने 3.92% था।

यह प्रवृत्ति दर्शाती है कि फंड मैनेजर भारतीय बाजारों के प्रति अधिक आशावादी हो रहे हैं और उपलब्ध नकदी को इक्विटी में तैनात कर रहे हैं।

कौन घटा रहा, कौन बढ़ा रहा कैश?

एनालिसिस में शामिल 43 म्यूचुअल फंड हाउस में से 27 ने अपनी कैश होल्डिंग घटाई है, जबकि 16 ने बढ़ाई है। सबसे बड़ी कटौती कुछ सबसे बड़े फंड हाउस की ओर से हुई है:

SBI म्यूचुअल फंड: अपनी कैश होल्डिंग में ₹3,839 करोड़ की सबसे बड़ी कटौती की।

ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड: ₹3,025 करोड़ की कटौती की।

एक्सिस म्यूचुअल फंड: ₹2,821 करोड़ की कैश होल्डिंग घटाई।

PPFAS म्यूचुअल फंड: ₹2,460 करोड़ की कैश होल्डिंग घटाई।

क्वांट म्यूचुअल फंड: अपनी कैश होल्डिंग ₹1,597 करोड़ घटाई।

वहीं, कुछ फंड हाउस ने अपनी कैश होल्डिंग बढ़ाई भी है:


HDFC म्यूचुअल फंड: अपनी कैश होल्डिंग्स में ₹1,736 करोड़ की बढ़ोतरी की।

कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड: ₹1,007 करोड़ की बढ़ोतरी की।

DSP म्यूचुअल फंड: ₹760 करोड़ की बढ़ोतरी की।

केनरा रोबेको म्यूचुअल फंड: अपनी कैश होल्डिंग ₹981 करोड़ बढ़ाई।

बैंक ऑफ इंडिया म्यूचुअल फंड: अपनी कैश होल्डिंग में ₹255 करोड़ की बढ़ोतरी के साथ अपने कैश लेवल को दोगुना से ज़्यादा बढ़ा दिया।

छोटे असेट अंडर मैनेजमेंट वाले फंड हाउस में, ओल्ड ब्रिज म्यूचुअल फंड ने अपनी कैश होल्डिंग को अपने इक्विटी एयूएम के 3.5% से बढ़ाकर 13.4% कर दिया, जबकि सैमको म्यूचुअल फंड ने अपनी कैश होल्डिंग को 8.1% से घटाकर 1.9% कर दिया। यह दर्शाता है कि कुछ छोटे फंड भी बाजार की अस्थिरता को देखते हुए सतर्क रुख अपना रहे हैं।

भारतीय बाजारों का शानदार प्रदर्शन और बुलिश आउटलुक:

मई महीने के दौरान, बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव के बावजूद, निफ्टी में लगभग 1.8% की वृद्धि हुई, जबकि इसी अवधि के दौरान सेंसेक्स में लगभग 1.5% की बढ़त हुई। बाजार में इस तेजी के माहौल ने फंड मैनेजर्स को इक्विटी निवेश बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।

अधिकांश एक्सपर्ट भारतीय बाजारों को लेकर बुलिश (तेजी) बने हुए हैं। बंधन म्यूचुअल फंड के एक हालिया नोट में कहा गया है कि मई 2025 को समाप्त होने वाले तीन महीनों में भारत ग्लोबल स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत के 16% गेन की तुलना में, ग्लोबल और विकसित बाजारों में सिर्फ 2% की बढ़त हुई है। जबकि इमर्जिंग मार्केट में मई 2025 में खत्म हुई 3 महीने की अवधि में 5% की बढ़त हुई है।"

यह ट्रेंड दिखाता है कि भारतीय इक्विटी बाजार निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है, और म्यूचुअल फंड भी इस अवसर को भुनाने के लिए सक्रिय रूप से निवेश कर रहे हैं।

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