टाटा मोटर्स के शेयरों में उछाल: ट्रंप के 'टैरिफ ब्रेक' से JLR को मिली राहत, निवेशकों की उम्मीदें बढ़ीं!

 टाटा मोटर्स के शेयरों में उछाल: ट्रंप के 'टैरिफ ब्रेक' से JLR को मिली राहत, निवेशकों की उम्मीदें बढ़ीं!



अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक हालिया ऐलान ने भारतीय ऑटोमोबाइल दिग्गज Tata Motors के Share में आज  फिर से चमक ला दी। ट्रंप ने यूरोपीय यूनियन (EU) पर प्रस्तावित 50% टैरिफ लगाने के अपने फैसले को 9 जुलाई तक के लिए टाल दिया है। यह वही तारीख भी है जब दुनिया के कई देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैक्स पर लगी 90-दिवसीय रोक की अवधि समाप्त हो जाएगी। इस खबर के चलते टाटा मोटर्स के शेयर इंट्रा-डे में BSE पर 2.76% उछलकर ₹738.00 पर पहुंच गए, हालांकि हल्की मुनाफावसूली के चलते यह ₹729.05 पर बंद हुआ, फिर भी 1.52% की बढ़त पर रहा।


डोनाल्ड ट्रंप ने पहले 1 जून से यूरोपीय यूनियन पर 50% का टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, यह कहते हुए कि बातचीत का कोई ठोस हल नहीं निकल रहा था। अब इस फैसले को एक महीने से अधिक समय के लिए टालने से वैश्विक व्यापारिक माहौल में थोड़ी राहत मिली है, जिसका सीधा असर टाटा मोटर्स जैसी उन कंपनियों पर पड़ा है जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत उपस्थिति है।


ट्रंप के फैसले का JLR पर असर: क्यों है इतनी हलचल?

ट्रंप के इस ऐलान से टाटा मोटर्स की लक्जरी वाहन इकाई जगuar लैंड रोवर (JLR) सुर्खियों में आ गई है, क्योंकि अमेरिकी बाजार उसके लिए बेहद अहम है। अप्रैल महीने में जब ट्रंप ने ऑटोमोबाइल आयात पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, तब JLR ने एक महीने के लिए अमेरिकी बाजार में शिपमेंट रोकने का फैसला किया था। बाद में, ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें अमेरिका में असेंबल की गई गाड़ियों की कीमतों के 15% तक के लिए अन्य शुल्कों से राहत के साथ क्रेडिट को मिलाया गया था।


इस महीने की शुरुआत में खबरें आईं कि JLR ने अमेरिका को शिपमेंट फिर से शुरू कर दिया है। यूके की स्थानीय उद्योग निकाय के अनुसार, यूके में बनी कारों का अमेरिका दूसरा सबसे बड़ा आयातक है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 20% है। ऐसे में, टैरिफ संबंधी कोई भी सकारात्मक खबर JLR और उसकी मूल कंपनी टाटा मोटर्स के लिए राहत भरी होती है।


एक साल में शेयरों की चाल और आगे की राह

टाटा मोटर्स के शेयर पिछले साल 30 जुलाई, 2024 को ₹1179.05 के अपने एक साल के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर थे। इस ऊंचाई के बाद शेयरों में गिरावट आई और 8 महीने से थोड़े अधिक समय में यह 53.98% फिसलकर पिछले महीने 7 अप्रैल, 2025 को ₹542.55 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया।


निचले स्तर पर शेयर संभले और खरीदारी के दम पर 32% से अधिक रिकवर हुए, लेकिन अब भी यह अपने एक साल के उच्च स्तर से 39% नीचे है। आगे की चाल की बात करें तो, ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए (CLSA) ने इसे ₹805 के टारगेट प्राइस पर 'आउटपरफॉर्म' (Outperform) और जेफरीज (Jefferies) ने ₹630 के टारगेट प्राइस पर 'अंडरपरफॉर्म' (Underperform) रेटिंग दी हुई है।


ट्रंप का यह फैसला अस्थायी राहत लेकर आया है, लेकिन वैश्विक व्यापार नीतियों में अनिश्चितता बनी हुई है। निवेशकों की नजर अब 9 जुलाई के बाद की स्थिति पर होगी और यह देखना होगा कि क्या लंबी अवधि में व्यापारिक तनाव कम होता है या फिर से बढ़ता है।

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