IDBI बैंक की विदाई की तैयारी: 2025 के अंत तक निजी हाथों में, प्रक्रिया अंतिम चरण में!
IDBI बैंक की विदाई की तैयारी: 2025 के अंत तक निजी हाथों में, प्रक्रिया अंतिम चरण में!
IDBI बैंक में सरकार और LIC की संयुक्त हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि यह साल 2025 के अंत तक पूरी हो जाएगी। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागाराजू ने आज इस संबंध में महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने फर्स्ट रेजिडेंशियल मॉर्गेज-बैक्ड सिक्योरिटीज की लिस्टिंग के अवसर पर यह जानकारी दी।
सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर बैंक में लगभग 61% हिस्सेदारी बेचने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस विनिवेश योजना के तहत, सरकार अपनी 30.48% हिस्सेदारी और LIC अपनी 30.24% हिस्सेदारी बेचेगी।
लगभग दो साल पहले, जनवरी 2023 में, सरकार को बैंक में 60.72% हिस्सेदारी बेचने के लिए कई संभावित खरीदारों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) प्राप्त हुए थे। शॉर्टलिस्ट किए गए बोलीदाता वर्तमान में ड्यू डिलिजेंस की प्रक्रिया में लगे हुए हैं। इस प्रक्रिया में बैंक के वित्तीय और कानूनी पहलुओं का गहन मूल्यांकन किया जाता है।
इस प्रगति पर टिप्पणी करते हुए, DIPAM (निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग) के सचिव अरुणिश चावला ने पिछले महीने 9 अप्रैल को कहा था कि IDBI बैंक की रणनीतिक बिक्री तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया था कि डेटा रूम तक पहुंच और संपत्ति मूल्यांकन जैसे महत्वपूर्ण कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं।
IDBI बैंक का विनिवेश केंद्र सरकार के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के विनिवेश और परिसंपत्ति मुद्रीकरण लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए ₹47,000 करोड़ का विनिवेश लक्ष्य रखा है, और IDBI बैंक में हिस्सेदारी की बिक्री इस लक्ष्य को पूरा करने में एक बड़ा कदम साबित होगी। इस निजीकरण से न केवल सरकार को राजस्व प्राप्त होगा, बल्कि यह बैंकिंग क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी बढ़ावा देगा।
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