HUL NEWS: खपत की सुस्ती कब होगी दूर? सीईओ रोहित जावा का दीर्घकालिक दृष्टिकोण

 HUL NEWS: खपत की सुस्ती कब होगी दूर? सीईओ रोहित जावा का दीर्घकालिक दृष्टिकोण



फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) सेक्टर की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के मुखिया, सीईओ और प्रबंध निदेशक रोहित जावा का मानना है कि बाजार में मौजूदा सुस्ती अगले कुछ वर्षों तक बनी रह सकती है। एक हालिया साक्षात्कार में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कंपनी को इस अवधि में धैर्य बनाए रखना होगा, क्योंकि अंततः बाजार में वृद्धि होगी और HUL को अपनी दीर्घकालिक रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।


यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब HUL ने पिछले सप्ताह वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के अपने व्यावसायिक परिणाम घोषित किए थे। मार्च तिमाही में, कंपनी के समेकित शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 3.7 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की गई, जो ₹2,464 करोड़ रहा। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने कमोडिटी की कीमतों में संभावित वृद्धि के कारण अपने सकल मार्जिन पर और दबाव पड़ने की आशंका भी व्यक्त की है।


हालांकि, रोहित जावा का दृष्टिकोण अल्पकालिक चुनौतियों से परे है। उन्होंने अपने साक्षात्कार में जोर देकर कहा कि निवेशकों को कंपनी के प्रदर्शन का मूल्यांकन केवल एक तिमाही या एक वर्ष के आधार पर नहीं करना चाहिए, बल्कि एक व्यापक समय-सीमा को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले दशक में HUL की सभी उत्पाद श्रेणियां कई गुना बढ़ जाएंगी।


HUL के सीएमडी ने ग्रामीण बाजारों में खपत की गति को शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक तेज बताया है, जो कंपनी के लिए एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि HUL का मार्जिन वर्तमान में काफी स्वस्थ है और 22-23 प्रतिशत के ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन के साथ, यह कंज्यूमर पैकेज्ड गुड्स (सीपीजी) क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों में शुमार है। उनका मानना है कि यह एक मजबूत और लाभदायक व्यवसाय है जो तेजी से बढ़ते बाजार से महत्वपूर्ण रूप से लाभान्वित होगा।


भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए, HUL के सीएमडी ने खुलासा किया कि कंपनी अपने प्रतिष्ठित ब्रांडों लाइफबॉय और ग्लो एंड लवली के बाद हॉर्लिक्स को भी एक नया रूप देने की प्रक्रिया में है, जिसका उद्देश्य इन स्थापित ब्रांडों को समकालीन उपभोक्ता आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है।


वैश्विक व्यापार परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए, जब उनसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों से HUL को संभावित खतरे के बारे में पूछा गया, तो रोहित जावा ने जोर देकर कहा कि उनकी कंपनी का व्यवसाय मॉडल "लोकल-फॉर-लोकल" यानी स्थानीय लोगों के लिए स्थानीय उत्पादन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा, जो अंततः कंपनी के लिए भी सहायक होगा।


संक्षेप में, HUL के सीईओ का आकलन है कि खपत में सुस्ती कुछ समय तक बनी रहेगी, लेकिन उनका दीर्घकालिक दृष्टिकोण कंपनी की विकास क्षमता और बाजार में उसकी मजबूत स्थिति पर केंद्रित है। नवाचार और ग्रामीण बाजारों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, HUL भविष्य में महत्वपूर्ण वृद्धि के लिए तैयार है।

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