Gensol Engineering की मुश्किलें बढ़ीं: MCA ने भी शुरू की जांच, लगातार 18वें दिन शेयर धराशायी
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Gensol Engineering की मुश्किलें बढ़ीं: MCA ने भी शुरू की जांच, लगातार 18वें दिन शेयर धराशायी
Gensol Engineering और इलेक्ट्रिक टैक्सी सेवा प्रदाता ब्लूस्मार्ट अब कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) की रडार पर भी आ गए हैं। मंत्रालय ने नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में इन दोनों कंपनियों के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए हैं। यह खुलासा सरकारी अधिकारियों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने किया है। इस खबर के बाद आज फिर Gensol Engineering के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई और यह लगातार 18वें दिन लोअर सर्किट पर पहुंच गया। फिलहाल बीएसई पर यह 5% की गिरावट के साथ ₹66.97 के निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है, जो आज का इसका क्लोजिंग प्राइस भी है। अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से यह शेयर महज 14 महीनों में 95% से अधिक टूट चुका है। पिछले साल 20 फरवरी, 2024 को यह ₹1377.10 के शिखर पर था, और 24 जून, 2024 को भी ₹1125.75 के एक साल के उच्च स्तर पर था।
तीन एजेंसियों के घेरे में Gensol Engineering:
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के जांच के आदेश के बाद, Gensol Engineering अब तीन प्रमुख एजेंसियों - SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड), ED (प्रवर्तन निदेशालय) और अब MCA की जांच के दायरे में आ गई है। इसके अतिरिक्त, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) भी Gensol Engineering और BluSmart मोबिलिटी के वित्तीय खातों की जांच कर रहा है, जिसके अगले छह महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 210 के तहत जांच का आदेश दिया है। इस धारा के तहत जनहित में किसी भी कंपनी की जांच का आदेश दिया जा सकता है।
क्या है पूरा मामला?
SEBI की जांच में यह आरोप लगाया गया है कि Gensol Engineering के प्रमोटर्स अनमोल और पुनीत जग्गी ने BluSmart की इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EVs) की खरीद के लिए लिए गए ऋण का उपयोग व्यक्तिगत खर्चों के लिए किया, जिसमें गुरुग्राम के DLF The Camellias में एक বিলাসবহুল अपार्टमेंट और ₹26 लाख के प्रीमियम गोल्फ उपकरण शामिल थे। BluSmart की स्थापना 2019 में Gensol के इन्हीं प्रमोटर्स, अनमोल और पुनीत जग्गी द्वारा की गई थी।
Gensol ने 2021 से 2024 के बीच IREDA (भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी) और PFC (पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन) से कुल ₹978 करोड़ का सावधि ऋण लिया था, जिसमें से ₹664 करोड़ का उपयोग BluSmart को 6,400 इलेक्ट्रिक वाहन लीज पर देने के लिए किया जाना था। इसके अलावा, Gensol को 20% इक्विटी (मार्जिन) योगदान भी देना था, जिससे EV खरीद के लिए कुल निवेश लगभग ₹830 करोड़ बनता।
फरवरी में एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा था कि उसने अब तक 4,704 EV प्राप्त कर लिए हैं। इसके EV आपूर्तिकर्ता गो-ऑटो ने पुष्टि की कि Gensol ने ₹568 करोड़ में 4,704 EV खरीदे हैं। SEBI का कहना है कि ₹262.13 करोड़ का अंतर और ₹566 करोड़ की वास्तविक राशि अभी भी गायब है, जबकि कंपनी को वित्तपोषण की अंतिम किस्त मिले एक साल से अधिक समय बीत चुका है।
SEBI ने दोनों भाइयों को Gensol Engineering में निदेशक का कोई भी पद लेने और प्रतिभूति बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया है। इसके बाद, BluSmart ने अपना परिचालन बंद कर दिया है। कंपनी ने 17 अप्रैल को ग्राहकों को भेजे गए एक ईमेल में बिना कोई कारण बताए BluSmart ऐप पर बुकिंग अस्थायी रूप से बंद करने की जानकारी दी थी। अब MCA की जांच के आदेश के बाद, Gensol Engineering और BluSmart की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं।
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