पाकिस्तानी शेयर बाजार में झूठी चमक: चार दिन की गिरावट के बाद मामूली उछाल, फिर बिकवाली का तूफान

पाकिस्तानी शेयर बाजार में झूठी चमक: चार दिन की गिरावट के बाद मामूली उछाल, फिर बिकवाली का तूफान



लगातार चार कारोबारी सत्रों में 9% से अधिक की भारी गिरावट के बाद, आज पाकिस्तानी शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में थोड़ी रौनक देखने को मिली थी। कराची स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स KSE-30 बाजार खुलते ही 2% से अधिक उछल गया था। इसी तरह, कराची स्टॉक एक्सचेंज पर 100 शेयरों का इंडेक्स KSE-100 भी 2% से अधिक की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। इससे पहले, इन दोनों इंडेक्सों में लगातार चार दिनों तक 9% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, आज की यह तेजी भी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई।


दोपहर के कारोबार में कराची 30 इंडेक्स फिर से नकारात्मक क्षेत्र में लौट आया और फिलहाल 0.27% की गिरावट के साथ 31,392.33 पर कारोबार कर रहा है। इंट्रा-डे में यह 2.32% उछलकर 32,209.34 के स्तर तक पहुंच गया था। इसी तरह, कराची 100 इंडेक्स भी अपनी शुरुआती बढ़त खो चुका है और अब 0.33% की गिरावट के साथ 103,185.76 पर है, जबकि इंट्रा-डे में इसने 2% से अधिक की तेजी दिखाई थी।


पाकिस्तानी शेयर बाजार पर दबाव का कारण:


पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के कारण पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया है। इसी भू-राजनीतिक तनाव के चलते निचले स्तर पर कुछ खरीदारी के कारण आज बाजार खुलने के बाद जो थोड़ी हरियाली दिखाई दी थी, वह जल्द ही गायब हो गई और बिकवाली का दबाव फिर से हावी हो गया।


वैश्विक निवेशकों की पाकिस्तानी बाजार में दिलचस्पी:


पिछले साल पाकिस्तानी शेयर बाजार ने पिछले 22 वर्षों का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था, जिसके कारण वैश्विक निवेशकों की पाकिस्तान में रुचि फिर से बढ़ी थी। ब्लैकरॉक और ईटन वांस जैसी प्रमुख एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने पाकिस्तानी बाजार में अपना निवेश बढ़ाया था। पाकिस्तान के शेयर बाजार का कुल बाजार पूंजीकरण फिलहाल लगभग 50 अरब डॉलर के आसपास है। इस शानदार प्रदर्शन के पीछे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिला बेलआउट और देश के बेहतर होते मैक्रोइकोनॉमिक संकेतक मुख्य कारण थे। हालांकि, अब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई और दोनों देशों के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण पाकिस्तान के बाजारों पर भारी दबाव बना हुआ है, जिससे निवेशकों का विश्वास डगमगा गया है और बिकवाली का दौर फिर से शुरू हो गया है।

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