सीमा पर तपिश, रसोई पर आंच: भारत-पाक तनाव से किन कमोडिटीज के बढ़ेंगे दाम?
सीमा पर तपिश, रसोई पर आंच: भारत-पाक तनाव से किन कमोडिटीज के बढ़ेंगे दाम?
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता सैन्य तनाव न केवल शेयर बाजारों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इसका असर वैश्विक व्यापार और आवश्यक वस्तुओं (कमोडिटीज) पर भी दिखने लगा है। इस भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कई अन्य देश भी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस तनाव का किन वस्तुओं पर और कितना प्रभाव पड़ सकता है:
मेवे होंगे महंगे?
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से अटारी-वाघा सीमा बंद है। इस सीमा बंदी के कारण अफगानिस्तान से आने वाले सूखे मेवों की कीमतों में तेजी आई है। पिस्ता की कीमतों में पहले ही 20% तक की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि खूबानी, अखरोट और अन्य सूखे मेवे भी महंगे हो गए हैं। किशमिश की कीमतें पहले ही 35% बढ़ चुकी हैं। गौरतलब है कि पिछले साल जून के बाद से बादाम की कीमतों में 40% का उछाल आया है, जिसका कारण कैलिफोर्निया और ऑस्ट्रेलिया में फसल की कमी है। वहीं, ईरान और कैलिफोर्निया में पिस्ता की फसल भी घटी है, जिससे आगे भी कीमतों में 15-20% की और वृद्धि की आशंका है।
भारत अपनी जरूरत का लगभग 90% सूखा अंजीर अफगानिस्तान से आयात करता है, जो पाकिस्तान के रास्ते आता है। इसके अलावा, 50% केसर, सूखे खुबानी और मुनक्का भी अफगानिस्तान से ही आयात किए जाते हैं। भारत और अफगानिस्तान के बीच सालाना लगभग 500 मिलियन डॉलर का व्यापार होता है।
भारत में सबसे ज्यादा काजू का आयात होता है, जो कुल आयात का लगभग 50% है। 2024 में काजू का बाजार 2.40 बिलियन डॉलर का था, जिसके 2029 तक 2.90 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो लगभग 4% की वार्षिक वृद्धि दर दर्शाता है।
कैडोर फूड्स के संस्थापक यश गावही का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अभी बाजार पर ज्यादा नहीं दिख रहा है, क्योंकि नई फसल का सीजन सितंबर-अक्टूबर के बाद शुरू होता है, इसलिए तत्काल बड़ी दिक्कतें नजर नहीं आ रही हैं। पिस्ता, अंजीर, हींग और केसर जैसे सूखे मेवे अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते भारत आते हैं। हालांकि, सरकार इन उत्पादों को भारत लाने के लिए अन्य विकल्प तलाश रही है। उन्होंने आगे कहा कि पूरे साल में लगभग 14-18 हजार टन माल अफगानिस्तान से भारत आयात होता है।
वाफा इंडस्ट्रीज का मानना है कि मौजूदा भारत-पाक तनाव की स्थिति को देखते हुए, अल्पकालिक में सूखे मेवों की कीमतों में उछाल आ सकता है, खासकर यदि दिवाली के समय तक नई फसल की आपूर्ति में बाधा आती है। हालांकि, उनका यह भी मानना है कि जितना भी माल भारत आना था, वह लगभग आ चुका है और सरकार के हस्तक्षेप से दिवाली सीजन तक और भी आपूर्ति हो जाएगी। उनके अनुसार, दिवाली से पहले कीमतों में 5-6% का उछाल संभव है।
भारत-पाक व्यापार:
2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार में गिरावट आई है। 2018-19 में दोनों देशों के बीच 4370 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था, जो 2019-20 में घटकर 2772 करोड़ रुपये रह गया। भारत पाकिस्तान को नारियल, फल, सब्जियां, चाय, मसाले, चीनी, तिलहन, मवेशी चारा, डेयरी उत्पाद, प्लास्टिक उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, नमक, मोटर पार्ट्स, रंग और कॉफी जैसे उत्पादों का निर्यात करता है। यदि सीमा पर तनाव बढ़ता है और व्यापारिक गतिविधियां बाधित होती हैं, तो इन वस्तुओं की आपूर्ति और कीमतों पर भी असर पड़ सकता है।
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