निवेश की रणनीति: भारत-पाक तनाव के बीच निवेशकों को किन बातों का रखना होगा ध्यान?
निवेश की रणनीति: भारत-पाक तनाव के बीच निवेशकों को किन बातों का रखना होगा ध्यान?
हालिया घटनाक्रमों में, 7 मई की रात पाकिस्तान द्वारा भारत के 15 शहरों को निशाना बनाने का प्रयास किया गया, जिसे भारतीय रक्षा प्रणाली ने विफल कर दिया। इसके जवाब में, 8 मई को भारत ने भी लाहौर सहित पाकिस्तान के कई शहरों को ड्रोन से निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तान में भारी नुकसान की खबरें हैं। आमतौर पर, इस प्रकार की घटनाओं का शेयर बाजारों पर तत्काल और व्यापक प्रभाव नहीं देखा जाता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अतीत के अनुभवों के आधार पर भविष्य का अनुमान लगाना जोखिम भरा हो सकता है।
कारगिल युद्ध और वर्तमान स्थिति में अंतर:
1999 में मई से जुलाई के बीच हुए कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय बाजारों में आश्चर्यजनक रूप से तेजी आई थी। हालांकि, 2025 की परिस्थितियां भिन्न हैं। आज भारत की जीडीपी लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि 1999 में यह केवल 460 अरब डॉलर थी। दूसरा महत्वपूर्ण अंतर यह है कि भारतीय बाजार एक बड़ी गिरावट से उबर रहा है। सितंबर 2024 के सर्वकालिक उच्च स्तर से मार्च तक बाजार में 16% की गिरावट आई थी, जिसके बाद पिछले कुछ हफ्तों में 11% की रिकवरी हुई है। फिर भी, बाजार अभी भी अपने सितंबर के उच्च स्तर से लगभग 7% नीचे है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत विकास संभावना:
भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास गति मजबूत बनी रहने की उम्मीद है। आरबीआई ने इस वर्ष ब्याज दरों में कटौती का चक्र शुरू कर दिया है और माना जा रहा है कि वह आगे भी रेपो रेट में कमी करेगा। इससे ऋण सस्ता होगा, जिससे कंपनियों को पूंजीगत व्यय करने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत हैं और मानसून की बारिश भी अच्छी रहने की संभावना है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पहले से ही अच्छी मांग है, हालांकि शहरी क्षेत्रों में मांग में कुछ कमजोरी देखी गई है।
सेंसेक्स की रिकवरी और विदेशी निवेश:
चौथी तिमाही में कंपनियों के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं, निफ्टी कंपनियों के मुनाफे में सालाना आधार पर 4% की वृद्धि हुई है, जो 2% के अनुमान से अधिक है। विदेशी निवेशकों ने भी फिर से भारत में निवेश करना शुरू कर दिया है, और म्यूचुअल फंडों के पास भी निवेश के लिए पर्याप्त तरलता है। पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने अच्छा निवेश किया है, जिसका सकारात्मक प्रभाव स्टॉक मार्केट पर पड़ा है। सेंसेक्स 80,000 के पार और निफ्टी 24,000 के ऊपर कारोबार कर रहा है।
निवेशकों के लिए क्या है सलाह?
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल बाजार में अस्थिरता बनी रहने की संभावना है। ऐसे में निवेशकों को सोच-समझकर निर्णय लेने की आवश्यकता है। अभी अल्पकालिक निवेश से बचना उचित हो सकता है। निवेशकों को स्थिति स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए। लंबी अवधि में भारतीय बाजारों के बेहतर प्रदर्शन को लेकर कोई संदेह नहीं है। एसआईपी (SIP) के माध्यम से म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों को अपनी निवेश रणनीति जारी रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे उनके दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। विशेषज्ञों का यह भी सुझाव है कि वर्तमान में एकमुश्त बड़ी राशि का निवेश करने से बचना चाहिए।
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