इंडसइंड बैंक को मिलेगा नया 'कैप्टन': 30 जून तक RBI को भेजा जाएगा CEO का नाम, क्या सुधरेगी बैंक की हालत?
इंडसइंड बैंक को मिलेगा नया 'कैप्टन': 30 जून तक RBI को भेजा जाएगा CEO का नाम, क्या सुधरेगी बैंक की हालत?
Private sector प्रमुख बैंकों में से एक, इंडसइंड बैंक , अपने अगले सीईओ और एमडी के चयन प्रक्रिया के अंतिम चरण में है। बैंक ने हाल ही में हुई अपनी मार्च तिमाही की अर्निंग्स कॉल के दौरान पुष्टि की है कि नए प्रमुख के लिए सिफारिशें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को 30 जून की समय-सीमा से पहले भेज दी जाएंगी। यह कदम बैंक में प्रबंधन की निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
क्यों बदला जा रहा है नेतृत्व?
इंडसइंड बैंक के पूर्व सीईओ, सुमंत कठपालिया (Sumant Kathpalia), ने बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो लेनदेन में हुई गड़बड़ियों के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। इन अनियमितताओं के कारण BANK को करीब 20 साल बाद किसी तिमाही में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। RBI ने BANK को 30 जून, 2025 तक नए सीईओ की नियुक्ति का प्रस्ताव दाखिल करने का निर्देश दिया था।
जब तक नए CEO की नियुक्ति नहीं हो जाती, BANK का दैनिक कामकाज कार्यकारी अधिकारियों की एक समिति (Committee of Executives - CoE) द्वारा देखा जा रहा है। इस समिति में 30 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी शामिल हैं, और उनके काम की निगरानी बैंक बोर्ड की एक निगरानी समिति कर रही है।
बैंक की मौजूदा कारोबारी सेहत: चुनौती भरी राह
इंडसइंड बैंक को हाल ही में डेरिवेटिव अकाउंटिंग मामले और माइक्रोफाइनेंस लोन बुक में दबाव के चलते बड़ा झटका लगा है। मार्च 2025 तिमाही में बैंक को कंसोलिडेटेड बेसिस पर ₹2328.87 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ है। इससे पहले, बैंक को आखिरी बार वित्त वर्ष 2006 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2007) में और उससे पहले मार्च 2001 तिमाही में घाटा हुआ था। तुलनात्मक रूप से, मार्च 2024 तिमाही में बैंक को ₹2349.5 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था।
Asset quality के मोर्चे पर भी Bank को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मार्च तिमाही में ग्रॉस एनपीए (Gross NPA) बढ़कर 3.13% पर पहुंच गया, जबकि एक तिमाही पहले यह 2.25% और एक साल पहले 1.92% पर था। नेट एनपीए (Net NPA) भी जनवरी-मार्च 2025 में तिमाही आधार पर 0.68% और सालाना आधार पर 0.57% से बढ़कर 0.95% पर पहुंच गया है।
नए नेतृत्व से उम्मीदें
नए सीईओ की नियुक्ति इंडसइंड बैंक के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी। निवेशकों और विश्लेषकों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि नया नेतृत्व बैंक को मौजूदा चुनौतियों से कैसे उबारता है और उसकी वित्तीय स्थिरता और विकास को कैसे बहाल करता है। उम्मीद है कि मजबूत नेतृत्व के साथ बैंक अपनी एसेट क्वालिटी में सुधार लाएगा और भविष्य में होने वाली ऐसी अनियमितताओं को रोकेगा।
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