वोडाफोन आइडिया को 'संकेत' मिली राहत: घाटा कम, ₹20,000 करोड़ जुटाने की मंजूरी – क्या पलटेगी किस्मत?
वोडाफोन आइडिया को 'संकेत' मिली राहत: घाटा कम, ₹20,000 करोड़ जुटाने की मंजूरी – क्या पलटेगी किस्मत?
लंबे समय से कर्ज के बोझ तले दबी टेलीकॉम दिग्गज वोडाफोन आइडिया (Vi) के लिए मार्च तिमाही 2025 कुछ उम्मीद की किरण लेकर आई है। कंपनी का शुद्ध घाटा साल-दर-साल कम होकर ₹7,166.1 करोड़ पर आ गया है, और इससे भी बड़ी खबर यह है कि कंपनी के बोर्ड ने ₹20,000 करोड़ तक का फंड जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस पर अभी शेयरहोल्डर्स और नियामक (regulatory) की मंजूरी मिलनी बाकी है, लेकिन यह Vi के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कंपनी ने 30 मई की देर रात एक एक्सचेंज फाइलिंग में अपने वित्तीय आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों से कंपनी की सेहत में कुछ सुधार के संकेत मिल रहे हैं, खासकर तब जब वह 5G रोलआउट और बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
Vi के कारोबारी नतीजे: एक मिक्सड रिपोर्ट
मार्च 2025 तिमाही में Vi का कंसोलिडेटेड शुद्ध घाटा पिछले साल की समान अवधि के ₹7,674.6 करोड़ से घटकर ₹7,166.1 करोड़ हो गया है। कंपनी का राजस्व (Revenue) भी 3.8% बढ़कर ₹11,013.5 करोड़ पर पहुंच गया। यह एक सकारात्मक संकेत है।
हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) आधार पर देखें तो दिसंबर 2024 तिमाही की तुलना में मार्च 2025 तिमाही में राजस्व में थोड़ी गिरावट (₹11,366.8 करोड़ से ₹11,013.5 करोड़) और शुद्ध घाटे में मामूली बढ़ोतरी (₹6,609.3 करोड़ से ₹7,166.1 करोड़) हुई है।
पूरे वित्त वर्ष 2025 के लिए, कंपनी का राजस्व 2.2% उछलकर ₹43,571.3 करोड़ रहा, और शुद्ध घाटा भी ₹31,238.4 करोड़ से घटकर ₹27,383.4 करोड़ पर आ गया, जो साल-दर-साल आधार पर एक सुधार को दर्शाता है।
ARPU में उछाल और कर्ज का पहाड़
टेलीकॉम कंपनियों की सेहत का एक अहम पैमाना ARPU (प्रति यूजर औसत राजस्व) होता है। मार्च तिमाही में Vi का ARPU सालाना आधार पर ₹153 से 14.2% बढ़कर ₹175 पर पहुंच गया है। कंपनी का कहना है कि यह वृद्धि टैरिफ हाइक (शुल्क वृद्धि) और ग्राहकों के अपग्रेड होने से मिली है, जो प्रति ग्राहक आय बढ़ाने की कंपनी की रणनीति के सफल होने का संकेत है।
हालांकि, कंपनी पर कर्ज का बोझ अभी भी काफी ज्यादा है। मार्च 2025 के अंत में बैंकों का बकाया कर्ज (ब्याज समेत) ₹2,345.1 करोड़ है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2044 तक देय स्पेक्ट्रम की डेफर्ड पेमेंट देनदारी और वित्त वर्ष 2031 तक के लिए AGR (Adjusted Gross Revenue) मिलाकर कुल ₹1,94,910.6 करोड़ की देनदारी है। कंपनी का नेट वर्थ ₹70,320.2 करोड़ नकारात्मक है।
AGR बकाया पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला और भविष्य की बातचीत
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में AGR बकाया पर राहत से जुड़ी Vi की याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि, कंपनी का कहना है कि वह इस मामले में उचित समाधान तक पहुंचने के लिए संभावित कैश फ्लो के आधार पर सरकार के साथ आगे बातचीत करने के रास्ते खुले रखेगी। कंपनी ने पहले चेतावनी दी थी कि सरकारी समर्थन की कमी के चलते वह इस वित्त वर्ष के बाद कारोबार जारी नहीं रख पाएगी।
शेयरों की स्थिति
इन नतीजों के ऐलान से पहले, शुक्रवार, 30 मई को वोडा आइडिया के शेयर BSE पर 3.22% की गिरावट के साथ ₹6.92 पर बंद हुए थे। पिछले एक साल में शेयरों ने ₹19.15 (28 जून 2024) का उच्च स्तर और ₹6.46 (9 मई 2025) का निचला स्तर देखा है। ₹20,000 करोड़ का फंड जुटाने की मंजूरी और घाटे में कमी, कंपनी के लिए एक नई उम्मीद जगा सकती है, लेकिन बाजार की नजर इस बात पर होगी कि यह फंड कैसे और कब जुटाया जाता है, और इसका उपयोग कंपनी के 5G रोलआउट और कर्ज प्रबंधन में कितना प्रभावी होता है।
क्या यह फंड जुटाना वोडाफोन आइडिया को भारतीय टेलीकॉम बाजार में फिर से मुकाबले में ला पाएगा?
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