'सिंदूर' का 'रंग' चढ़ा सेलेबी के शेयरों पर, भारत के झटके से 10% लुढ़का भाव!

 'सिंदूर' का 'रंग' चढ़ा सेलेबी के शेयरों पर, भारत के झटके से 10% लुढ़का भाव!




तुर्किए की पाकिस्तान के प्रति दोस्ती अब उसकी कंपनियों को भारी पड़ रही है। एयरपोर्ट सर्विस सेक्टर की दिग्गज तुर्की कंपनी 'सेलेबी हवा सर्विसी एएस' (Celebi Hava Servisi AS) के शेयर शुक्रवार, 16 मई को इस्तांबुल स्टॉक एक्सचेंज में बुरी तरह धराशायी हो गए। कंपनी के शेयरों में लगभग 10% की भारी गिरावट दर्ज की गई। यह तेज गिरावट भारत सरकार के एक बड़े फैसले के बाद आई है, जिसमें उसकी भारतीय सहायक कंपनी 'सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया' की सुरक्षा मंजूरी को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।


भारत के नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने गुरुवार, 15 मई को इस निर्णय की जानकारी दी। BCAS ने स्पष्ट रूप से बताया कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब तुर्किए ने हाल ही में पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था और 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर किए गए एयरस्ट्राइक की कड़ी आलोचना की थी। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया था कि भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने तुर्की में निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था।


दिल्ली एयरपोर्ट ने तोड़ा सेलेबी से नाता:

BCAS ने नवंबर 2022 में सेलेबी को भारत में 'ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी' के तौर पर सुरक्षा मंजूरी प्रदान की थी। लेकिन अब, इस मंजूरी को रद्द करते हुए BCAS ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है, "राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है।"


इस कड़ी कार्रवाई के बाद, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने भी इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) पर सेलेबी के साथ अपने ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो ऑपरेशंस के समझौते को तत्काल समाप्त कर दिया है। DIAL ने कहा है कि सेवाओं में किसी भी तरह की बाधा से बचने और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए वह अब AISATS और बर्ड ग्रुप जैसे मौजूदा सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है।


भारत के इस कड़े रुख ने तुर्की की कंपनी सेलेबी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, जिसके शेयर बाजार में भारी गिरावट से यह साफ जाहिर होता है। यह घटनाक्रम यह भी दर्शाता है कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर किसी भी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं है और पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देशों की कंपनियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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