लगातार 32 वर्षों तक हर महीने ₹10,000 की SIP करने का परिणाम ₹14.5 करोड़ की संपत्ति है, जिसमें निवेशकों को 37.5 गुना का प्रभावशाली रिटर्न मिला।

लगातार 32 वर्षों तक हर महीने ₹10,000 की SIP करने का परिणाम ₹14.5 करोड़ की संपत्ति है, जिसमें निवेशकों को 37.5 गुना का प्रभावशाली रिटर्न मिला।



म्यूचुअल फंड में निवेश केवल महंगाई को मात देने का जरिया नहीं है, बल्कि यह दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण का एक शक्तिशाली उपकरण भी है। लंबी अवधि के निवेश और चक्रवृद्धि ब्याज की चमत्कारी शक्ति निवेशकों को एक महत्वपूर्ण संपत्ति बनाने का अवसर प्रदान करती है। इसे एक मैराथन की तरह समझें, जहाँ केवल वही धावक अंतिम रेखा तक पहुँच पाते हैं जो मानसिक रूप से मजबूत और धैर्यवान होते हैं। ऐसे दीर्घकालिक निवेश में आपकी कुछ हजार रुपये की एसआईपी को समय के साथ करोड़ों में बदलने की अद्भुत क्षमता होती है। इसका एक ज्वलंत उदाहरण है एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड, जिसने पिछले 32 वर्षों में अपने निवेशकों को 37 गुना से अधिक का रिटर्न देकर इस तथ्य को सिद्ध कर दिखाया है।


एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड: एक विरासत


एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड, जिसे पहले एसबीआई मैग्नम टैक्सगेन स्कीम के नाम से जाना जाता था, भारत की सबसे पुरानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) फंडों में से एक है। इसकी शुरुआत 31 मार्च, 1993 को हुई थी और इसने सफलतापूर्वक 32 वर्ष पूरे कर लिए हैं। प्रारंभ में, यह डीसीडब्ल्यू विकल्प (जिसे पहले डिविडेंड विकल्प कहा जाता था) के तहत उपलब्ध था, लेकिन 7 मई, 2007 को इसमें ग्रोथ विकल्प भी जोड़ा गया।


इस फंड ने न केवल निवेशकों को शानदार रिटर्न प्रदान किया है, बल्कि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट का लाभ भी सुनिश्चित किया है। इसमें 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है, जो निवेशकों को लंबी अवधि के लिए निवेशित रहने के लिए प्रोत्साहित करती है।


असाधारण प्रदर्शन की गाथा


कल्पना कीजिए, यदि किसी निवेशक ने 1993 में इस फंड में प्रति माह ₹10,000 की एक व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) शुरू की होती, तो उसका कुल निवेश ₹38.40 लाख होता। लेकिन 32 वर्षों के बाद, चक्रवृद्धि की शक्ति के कारण, यह मामूली निवेश आज बढ़कर एक आश्चर्यजनक ₹14.44 करोड़ तक पहुँच गया है। इस अवधि के दौरान, फंड ने 17.94% का प्रभावशाली औसत वार्षिक रिटर्न (XIRR) दिया है, जो इसे इक्विटी निवेश की सफलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, निवेश की गई राशि में 37 गुना से अधिक की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।


विभिन्न समय अवधियों में इस योजना के प्रदर्शन का अवलोकन नीचे किया जा सकता है:


पिछले 15 वर्षों में: 16.03%

पिछले 10 वर्षों में: 17.59%

पिछले 5 वर्षों में: 24.31%

पिछले 3 वर्षों में: 23.42%

इसके विपरीत, इसके बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई 500 टीआरआई ने पिछले 15 वर्षों में 14.30%, 10 वर्षों में 15.14%, 5 वर्षों में 17.17% और 3 वर्षों में 13.89% का रिटर्न दिया है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड ने बेंचमार्क को लगातार मात दी है, जिससे निवेशकों को उल्लेखनीय संपत्ति बनाने में मदद मिली है। यह कहानी धैर्य, अनुशासित निवेश और चक्रवृद्धि की शक्ति का एक शक्तिशाली प्रमाण है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

HDB फाइनेंशियल IPO का बिग-बैंग: ₹12,500 करोड़ का issue 25 जून को खुलेगा, पर listed प्रतिस्पर्धियों से इस मोर्चे पर दिख रही 'कमजोर सेहत'!

हिंडनबर्ग मामला: लोकपाल ने पूर्व सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को दी क्लीन चिट, शिकायतकर्ताओं को कड़ी फटकार!

L&T को 'सुप्रीम' राहत: MMRDA ने ₹14,000 करोड़ का टेंडर रद्द किया, पारदर्शिता पर उठे थे सवाल